प्रदेश में भारी बारिश से करोड़ों की फसल बर्बाद

प्रदेश में भारी बारिश से करोड़ों की फसल बर्बाद
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भोपाल। प्रदेश में कई दिनों से चल रही भारी बारिश के चलते जहां नदियों में आई बाढ़ ने लाखों लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया वहीं आवागमन में असुविधा के साथ खेतों में पानी भरने से खरीब की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है करोड़ों की सोयाबीन और उड़द की फसल बर्बाद होने से किसानों को अब बैंक से लिए कर्ज को पटाने की चिंता सताने लगी है।
प्रदेश में सबसे अधिक फसलों का नुकसान नर्मदा, बेतवा, ताप्ती, तवा, जामनी सहित अन्य नदियों और नालों का जलस्तर बढऩे से होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, देवास, रायसेन, विदिशा, बैतूल, खरगोन और सागर संभाग में हुआ है।
बाढ़ के पानी से खेतों में खड़ी सोयाबीन, उड़द, मूंगफली, मक्का और खरीब की अन्य फसलें डूब गईं, वहीं धान की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। निरंतर बारिश से प्रदेश के कई जिलों में खेत अभी भी पानी से भरे हुए हैं। अनुमान के मुताबिक सूबे की हजारों हैक्टेयर खेती की भूमि भारी बारिश से बर्बाद हो गई है।
शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के किसानों के बीच पहुंचकर उन्हें हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन देकर प्रदेश के सभी किसानों तक अपना संदेश पहुंचाया है। उन्होंने माना है कि यह 1973 के बाद अब तक सबसे भयावह स्थिति है और इस संकट की घड़ी में भाजपा सरकार व स्वयं वर्षा प्रभावित किसानों के साथ खड़े है। मुख्यमंत्री ने मकान टूटने पर 70 हजार, क्षतिग्रस्त होने पर 50 हजार एवं अन्य नुकसान के लिए 5 हजार रूपए तक की राशि बाढ़ व वर्षा प्रभावित किसानों को शीघ्र दिए जाने की बात भी कही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के किसानों को भारी बारिश से जो नुकसान हुआ है सरकार उसकी भरपाई करेगी।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से बारिश से फसलों सहित अन्य नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है, वहीं बर्षा से प्रभावित जिलों के जिलाधीशों ने स्थानीय किसानों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें हुई क्षति के स्वरूप शासन पर्याप्त आर्थिक सहायता मुहैया कराएगा।
प्रदेश की नदियों में आए उफान के कम होते ही सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर जरूरतमंद लोगों व पशुधन को दवाएं व अन्य सुविधाएं पहुंचाने कार्य करेगी।

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