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जनमानस

मध्यान्ह भोजन योजना सही, क्रियान्वयन में लापरवाही

मध्यान्ह भोजन योजना का प्रारंभ सरकार द्वारा ऐसे विद्यार्थियों के लिए किया गया है जो सरकारी विद्यालयों में पढ़कर अपने आने वाले भविष्य को संवार रहे हैं, परन्तु बिहार के छपरा में हुई घटना ने सरकार की इस योजना के क्रियान्वयन की पोल-खोलकर रख दी है। इससे पहले भी कई स्थानों पर दूषित भोजन की बातें सामने आ चुकी है, जिन्हें खाकर कई बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो चुका है। भोजन में खराब सामग्री का प्रयोग, शुद्घता का ध्यान नहीं रखे जाने तथा योजना पर सरकार द्वारा सही ध्यान नहीं दिए जाने से कई बच्चों की जीवनलीला समाप्त हो चुकी है। इस हेतु सरकार को राज्य स्तर पर भी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। जिसके अन्तर्गत मैनू के अनुसार भोजन तैयार करके पहले शिक्षकों द्वारा चखा जाना चाहिए, समय-समय पर भोजन सामग्री का अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करके उच्च गुणवत्ता के सामान का प्रयोग करवाया जाना चाहिए साथ ही बच्चों से समय-समय पर जानकारी लेने से इस प्रकार की वीभत्स घटना की पुनरावृत्ति रोकी जा सकती है।

मेघा नाहर, शाजापुर 

राजनीति हार गई

बटला हाउस मुठभेड़ पर दिग्विजयजी ने अपनी शतरंज की चाले खूब चली पर न्यायालय ने जो फैसला लिया वह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी है। राजनीति द्वारा बटला हाउस कांड को फर्जी मुठभेड़ बताने वाले राजनेताओं की एक न चली, तभी तो अदालत ने इसे सच्चा बताया। इस सच्चाई पर मुहर लगाकर मुठभेड़ को फर्जी नहीं माना। न्याय के लिए समाज व राष्ट्र के लोगों को देश सेवा में राष्ट्रद्रोह नहीं लगे। दो मुंह की राजनीति करने वाले हमारे जनप्रतिनिधियों को समझना चाहिए कि कुछ भी बयान देने से पहले थोड़ा तो विचार करें। राष्ट्र की सुरक्षा व शहादत पर सफेदपोश लोगों को सोच-समझ कर बोलना चाहिए जो राष्ट्रहित में हो, क्योंकि देश से बड़ा नेता नहीं होता है, नेता तो राष्ट्र का प्रतिनिधित्व कर समाज में देश के लिए उसकी जनता की भलाई के लिए समर्पित रहता है। उसे जनतंत्र की लड़ाई लडऩा चाहिए। बटला हाउस को फर्जी मुठभेड़ बताकर राजनीति रोटी सेंकने वाले आतंकवादियों के चहेते न बनें।
हरिहरसिंह चौहान, भिण्ड

Updated : 1 Aug 2013 12:00 AM GMT
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