उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन जारी

देहरादून। उत्तराखंड में कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। इतनी तबाही के बाद भी न तो वहां बारिश रूक रही है और न भूस्खलन। इसके चलते राहत व बचावकार्य पूरी तरह से बाधित हो चुका है। लोगों को राशन पहुंचाना मुश्किल हो गया है और सभी गाड़िया रास्ते ना होने की वजह से जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। वहीं 16 जून को आये सैलाब में लापता लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। लापता लोगों की संख्या चार हजार के पार पहुंचती नजर आ रही है। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुयी है।
राज्य मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बताया कि केदारनाथ में अब भी 60 सरकारी कर्मचारी फंसे हुए हैं जो शवों के अंतिम संस्कार के लिए गए थे। अब उन्हें वहां से निकालना सरकार की प्राथमिकता है। इन लोगों तक राशन नहीं पहुंच पा रहा। खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं और इसी वजह से राहतकार्य ठप पड़ा है। उत्तराखंड के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। वहीं कल चमोली की उर्गम घाटी में बादल फट गया जिससे कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। करीब सात गांव इससे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कालगोंठ में भी जबरदस्त नुकसान हुआ है। कई मवेशियों के मारे जाने की खबर है और कई मकान ढ़ह गये हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ बहुगुणा ने कहा कि यमुनोत्री, गंगोत्री, हेमकुंड और बद्रीनाथ की यात्रा 30 सितंबर तक शुरू हो जाएगी। साथ ही सावन के मौसम में कांवरियों को गंगोत्री जाने की इजाजत नहीं होगी। सरकार ने यह फैसला कांवरियों की हिफाजत के मद्देनजर लिया है। वे केवल ऋषिकेश तक ही जाने सकेंगे।