प्रधानमंत्री के रूप में मोदी-राहुल दोनों ही नामंजूर: अन्ना

फरुखाबाद | जनलोकपाल के लिए संघर्ष की दूसरी पारी दिसम्बर में शुरू किए जाने की घोषणा करते हुए प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि उन्हें नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी दोनों ही प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं हैं।
अपनी जनतंत्र यात्रा के तहत फरुखाबाद पहुंचे हजारे ने शाहजहांपुर रवाना होने से पहले एक सवाल के जवाब में कहा कि देश में अलग-अलग ताकतें मोदी और राहुल को प्रधानमंत्री बनाने का शोर मचा रही हैं, लेकिन सचाई यह है कि उनकी नजर में वे दोनों ही प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार्य नहीं है।
हजारे ने कहा कि मोदी ने गुजरात में अपने एक दशक से भी ज्यादा के शासनकाल में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की। मोदी का कहना है कि भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये लोकायुक्त की नियुक्ति जरूरी नहीं है।
केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित गरीबी के मानदण्डों सम्बन्धी सवाल पर हजारे ने कहा जिस तरह प्रसव पीड़ा का अनुभव प्रसूता ही कर सकती है, उसी तरह गरीबी का सही अंदाजा वातानुकूलित कमरों में रहने और बैठने वाले नहीं लगा सकते। आज 33 रुपये में एक व्यक्ति के लिये पौष्टिक खाना उपलब्ध नहीं होगा, परिवार चलाना तो कल्पना से भी परे है।
उन्होंने दावा किया देश में दलगत राजनीति के कारण ही भ्रष्टाचार और अनाचार फल-फूल रहा है। उनका जनक्रांति मोर्चा छह करोड़ समर्पित कार्यकर्ताओं को संगठित करने की कोशिश कर रहा है, जिनके माध्यम से आगामी दिसम्बर में दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल के लिये संघर्ष की दूसरी पारी शुरू की जाएगी।