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जनमानस

बहुगुणा से इस्तीफा लो

महंगाई और भ्रष्टाचार की प्रतीक केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह स्वयं इस्तीफा दे और अपने अयोग्य उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को भी बर्खास्त करें। एक संवेदनशील मुख्यमंत्री को सारे राष्ट्र ने देखा कि वह केदारनाथ में आई प्रलय को कैसे नजर अंदाज करते रहे। चारोंधाम में आई इस अति भयानक विपदा से निपटने के लिए जैसी जीवटता दिखानी चाहिए थी वैसी इस मुख्यमंत्री में कहीं नहीं दिखी। प्रलय में घिरी जनता को त्वरित सहायता की आवश्यकता थी लेकिन मुख्यमंत्री कछुए की भांति हिलडुल रहे थे। परिणाम स्वरूप हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौत के मुंह में समा गए। सेना ने अपना धर्म न निभाया होता और आर.एस.एस. के सेवाभावी स्वयंसेवक अपनी जान की बाजी नहीं लगाते तो स्थिति और ज्यादा भयानक होती। कांग्रेस के मुख्यमंत्री मात्र मीडिया को अपने वक्तव्य देते रहे और जनता पहाड़ों में फंसकर भूख से दम तोड़ती रही। बेशक मुख्यमंत्री का तंत्र असफल रहा और तो और केन्द्र में बैठी तुष्टीकरण की पोषक इस सरकार ने इस महाप्रलय को राष्ट्रीय आपदा भी घोषित नहीं किया। यह धर्म निरपेक्ष राष्ट्र में तुष्टिकरण का स्वार्थ है। इस सरकार को संवेदनशील नहीं संवेदन हीन कहना ही उचित होगा क्योंकि इसके ऊपर तुष्टिकरण का स्वार्थ है।
मुकेश घनघोरिया, घाटीगांव

Updated : 26 July 2013 12:00 AM GMT
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