देश के पहले नौवहन उपग्रह का सफल प्रक्षेपण
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श्रीहरिकोटा | अंतरिक्ष के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए भारत ने अपना पहला समर्पित नौवहन उपग्रह प्रक्षेपित किया। यह उपग्रह सोमवार मध्यरात्रि 11.41 बजे यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉंच व्हीकल से प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी-सी22 ने प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने कहा कि 1425 किलोग्राम वजनी आईआरएनएसएस-1ए इंडियन रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) का पहला उपग्रह है। इस उपग्रह का जीवन दस साल का होगा। यह सेटेलाइट भारत और उसके 1500 किमी के दायरे में रियल टाइम पोजीशन और टाइमिंग की सटीक जानकारी देगा। इससे पाकिस्तान और चीन भारत की सीधी निगरानी के दायरे में आ गए हैं, क्योंकि यह उपग्रह भारतीय सीमा से 1500 किलोमीटर के दायरे में नजर रखने में सक्षम है। इस सेटेलाइट से धरती, आकाश और समंदर में पड़ोसी देशों की भी सटीक निगरानी की जा सकेगी।
श्रीहरिकोटा से मध्यरात्रि में हुए इस प्रक्षेपण के बारे में इसरो के सूत्रों ने बताया कि प्रक्षेपण का समय कक्षीय मापदंड और झुकाव को ध्यान में रखकर तय किया गया था। इस सेटेलाइट से जमीनी, हवाई और समुद्री नेवीगेशन, आपदा प्रबंधन, वाहनों की निगरानी, फ्लीट मैनेजमेंट समेत तमाम फायदे मिलेंगे। इसे समुद्री नौवहन के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म करने की राह में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।