बिहार में मध्याह्न् भोजन से 22 बच्चों की मौत

छपरा। बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील खाने से मरने वालों की संख्या 23 तक पहुंच चुकी है। इसमें 22 छात्र व एक खाना बनाने वाली महिला शामिल हैं। बताया जाता है कि अभी लगभग दो दर्जन से अधिक छात्रों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
विदित हो कि मंगलवार को सरकारी नवनिर्मित स्कूल में मिड-डे मील का खाना खाने से करीब 16 बच्चों की ही मौत हो गयी थी और आज यह संख्या पहुंचकर 22 हो गयी है। वहीं अन्य बीमार बच्चों को पटना के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पायी है कि आखिर भोजन में किस तरह का विषाक्त पदार्थ मिला हुआ था।
वहीं दूसरी ओर इस घटना को लेकर छपरा में लोगों ने जबरदस्त विरोध करना शुरू कर दिया है और लोगों में बहुत आक्रोश है। घटना से नाराज सैकड़ों लोगों ने नजदीकी थाने का घेराव कर लिया। नाराज लोगों ने स्कूल के शिक्षकों और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही राज्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। पटना से एफएसएल की टीम भी भेजी गई है, जो खाने में रसायन की जांच करेंगे। वहीं मृतकों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है।
इस मामले में छपरा के डीएम का कहना है कि बच्चों के मिड-डे मील में जहरीला पदार्थ मिलाए जाने की आशंका है। इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। और इस घटना के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि बीमार लोगों में एक महिला रसोइया भी शामिल है। सिन्हा ने बताया कि पहली से पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 10 साल तक की उम्र के बच्चे इसमें शामिल हैं। पीएमसीएच के अधीक्षक अमरकांत झा आजाद ने बताया कि पीड़ितों को आईसीयू में भर्ती किया गया है और वरिष्ठ डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे हुए हैं। यह घटना कल राज्य की राजधानी से 60 किमी दूर और छपरा से 25 किमी दूर मशरख ब्लॉक के दहरमासती गंदावन गांव के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में हुई।