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जनमानस

क्यों करते हो अपमान

म.प्र. सहित देश इस समय माँ तुझे प्रणाम जैसे अभियान में अग्रसर है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का इस योजना में हमारी सीमाओं का भ्रमण कर लौटने पर हमारे युवाओं ने उनका हार्दिक अभिनंदन किया, यह बड़े ही हर्ष का विषय था, किन्तु खेद की बात है कि कश्मीर यूनिवर्सिटी में सोमवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर के आगमन पर राष्ट्रगान बजाए जाने पर वहां के विधि के छात्र और कई फैकल्टी सदस्य उसके सम्मान में सावधान की मुद्रा में खड़े होने की बजाय अपनी जगह पर बैठे रहे और यही नहीं कुछ छात्रों ने राष्ट्रगान बजाए जाने के दौरान खड़े होने वाले कुछ विद्यार्थियों को बैठने का संकेत किया। अलगाव युक्त बड़ी शर्मनाक घटना है। यह राष्ट्रगान का सरेआम अपमान है। राष्ट्रगीत का इस तरह अपमान होना राष्ट्रवादियों और देशप्रेमियों की भावनाओं पर वज्रपात है। - एस.सी. कटारिया, रतलाम

Updated : 11 July 2013 12:00 AM GMT
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