पीडि़त महिलाओं का सहारा बना आश्रय भवन

पीडि़त महिलाओं का सहारा बना आश्रय भवन
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ग्वालियर | पीडि़त और बेसहारा महिलाओं को शरण देने के लिए रेडक्रॉस द्वारा बनाए गए महिला आश्रय भवन का निर्माण अब सार्थक हो गया है। विगत दिवस अपने पति की प्रताडऩा से तंग ग्राम किटाना की महिला रामसैनी बाई ने अपने दो छोटे- छोटे बच्चों के साथ यहां शरण ली है। पीडि़त व समाज द्वारा सताई गई महिलाओं के लिए निर्मित यह आश्रय भवन नि:शुल्क है। दो दिन पूर्व यहां आईं रामसैनी बाई ने बताया कि उनके पति ने उनकी सात वर्षीय बेटी की एक 30 वर्षीय युवक से शादी करा दी है। इसकी शिकायत पुलिस में करने वह यहां आईं हैं। शहर में रहने के लिए उनके पास कोई ठिकाना नहीं था। इसी बीच किसी ने उन्हें महिला आश्रय भवन की जानकारी दी और उन्होंने यहां आकर शरण ले ली। आश्रय की केयर टेकर नम्रता सक्सेना ने बताया कि उनकी ड्यूटी यहां प्रात: 8 से 2 बजे तक रहती है एवं इसके बाद अन्य केयर टेकर अनामिका कुशवाह यह कार्य करती हैं। इस बीच नम्रता आश्रय भवन में आने वाली महिला से बातचीत कर उनकी जानकारी नोट करतीं हैं। इसके बाद वह जानकारी पुलिस के पास भेजती हैं।
ये हैं सुविधाएं
आश्रय भवन में आने वाली महिलाओं के लिए सुबह व शाम का खाना, चाय, नाश्ता आदि दिया जाता है। भवन में कूलर के साथ मनोरंजन के लिए टेलीविजन है। महिलाओं की संख्या बढऩे पर यहां सिलाई, बुनाई, ब्यूटी पार्लर, और कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आश्रय भवन में आने वाली प्रत्येक महिला को पुलिस वेरीफिकेशन के बाद ही यहां रहने की अनुमति दी जाती है।
एम.डी.स्वामी
जनसम्पर्क अधिकारी, रेडक्रॉस सोसायटी

महिला आश्रय भवन के नियम

* महिला कर्मचारी ही कार्य करेंगी।

* प्रत्येक महिला का ऑनलाइन पुलिस वेरीफिकेशन होगा।
* प्रत्येक महिला का होगा प्रेग्नेंसी टेस्ट। कर्मचारी महिला को भवन में जानकारी एवं समय दर्ज कराकर आने जाने की अनुमति।
* आश्रम भवन में केयर टेकर रखेगी मोबाइल सिर्फ इनकमिंग रहेगी चालू।

* सप्ताह में दो बार होगी महिला कॉउन्सलर द्वारा उन्सिलिंग।
* बीमार महिला का उपचार कराया जाएगा। 

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