बारिश ने किया मैच को बाधित

बर्मिघम | आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के अंतिम संस्करण के फाइनल मुकाबले में चैंपियन बनने के लिए भारत और इंग्लैंड क्रिकेट टीमों के बीच भारतीय समयनुसार दिन के तीन बजे एजबेस्टन क्रिकेट मैदान में मुकाबला शुरू होना था पर बारिश की वजह से मैच शुरू होने में देरी होगी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया है। अब भारत को पहले बल्लेबाजी करनी होगी। भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इंग्लैंड जहां पहली बार कोई आईसीसी खिताब जीतने का प्रयास करेगा वहीं भारत बीते साल इस धरती पर मिली करारी शिकस्त का हिसाब चुकाने की कोशिश करेगा। बीते साल भारत ने जब इंग्लैंड का दौरा किया था तो उसे टेस्ट, एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 मुकाबलों में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। उस सीरीज में भारत एक भी मैच नहीं जीत सका था और नाकामी के कारण कई खिलाड़ियों का करियर चौपट हो गया था। खिताबी मुकाबला जीतकर भारत उस हार और उससे हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता लेकिन इंग्लैंड को पहली बार कोई आईसीसी खिताब जीतने से रोककर वह एलिस्टर कुक के टीम को ऐसा दर्द दे सकता है, जिसे वे लम्बे समय तक भुला पाएंगे। गेंदबाजी में इंग्लैंड का कोई सानी नहीं। स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टुअर्ट फिन्न, जेम्स एंडरसन, जेम्स ट्रेडवेल, ग्रीम स्वान और रवि बोपारा के रूप में उसके पास हर मौसम में अच्छी गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी हैं। एंडरसन और फिन्न को शुरुआती झटके देने के लिए मशहूर माना जाता है जबकि ट्रेडवेल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में दिखा चुके हैं कि वह क्या चीज हैं। ब्रॉड के पास पर्याप्त अनुभव है और इंग्लिश हालात में वह अपने हाईट का भरपूर फायदा उठाने के लिए मशहूर हैं।
भारत को इन सबसे निपटने के लिए एक बार फिर शिखर धवन और रोहित शर्मा की अपनी सलामी जोड़ी पर आश्रित रहना होगा। इस जोड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में भारत को बेहतरीन शुरुआत दी है। मिडिल ऑडर में विराट कोहली, सुरेश रैना, दिनेश कार्तिक, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, रवींद्र जडेजा किसी भी आक्रमण को तहस-नहस करने में सक्षम हैं। बस इन्हें धैर्य के साथ खेलना होगा। भारत के लिए इस चैम्पियनशिप की सबसे खास बात सलामी बल्लेबाजों की सफलता के साथ-साथ गेंदबाजों का उम्दा प्रदर्शन रही है। भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा और उमेश यादव ने अपनी सीम और स्विंग गेंदबाजी से साबित किया है कि वे इंग्लिश हालात में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इन तीन गेंदबाजों ने अपने दम पर मैच जिताए हैं और बीते कुछ समय से चली आ रही धोनी की मुश्किलें कम हुई हैं। इसके अलावा स्पिन विभाग में रविचंद्रन अश्विन और जडेजा बेहद सफल रहे हैं। भारतीय टीम के आत्मविश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने बीते तीन मैचों से कोई परिवर्तन नहीं किया है।