17 रूपये प्रतिदिन में जिंदगी गुजारते हैं गांवों के गरीब

नई दिल्ली | सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने कहा है कि देश के ग्रामीण इलाकों में सबसे निर्धन लोग औसतन केवल 17 रूपये प्रतिदिन और शहरों में सबसे निर्धन लोग 23 रुपये प्रतिदिन में जीवन यापन करते हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अपने 68वें दौर के सर्वेक्षण में जुलाई 2011-जून 2012 के दौरान एकत्र आंकड़ों के आधार पर भारत में घरेलू उपभोक्ता व्यय के प्रमुख संकेतक जारी किए हैं।
वर्ष 2011-12 (जुलाई-जून) से संबद्ध आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में निचले स्तर पर 5 प्रतिशत आबादी का प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च 521.44 रूपये रहा, जबकि शहरी इलाकों में यह 700.50 रूपये रहा।
वहीं दूसरी ओर, आबादी के शीर्ष 5 प्रतिशत का प्रति व्यक्ति मासिक खर्च ग्रामीण इलाकों में 4,481 रूपये, जबकि शहरी इलाकों में 10,282 रूपये रहा।
एनएसएस उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण का उद्देश्य मासिक आधार पर परिवार की प्रति व्यक्ति व्यय (एमपीसीई) का आकलन करना और इसे देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के आधार पर अलग-अलग बांटना है। ऐसे संकेतक जनसंख्या से संबंधित समूहों के जीवन स्तर के मापकों में से एक होते हैं और योजना आयोग द्वारा गरीबी का आंकलन किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण कारक होते हैं। पंचवार्षिक सर्वेक्षण के विस्तृत परिणाम आमतौर पर एनएसएसओ द्वारा कई रिपोर्टों के जरिए जारी किए जाते हैं। योजना बनाने, नीति निर्माण, निर्णय लेने संबंधी कार्यों और अतिरिक्त सांख्यिकी कार्यों के लिए रिपोर्ट जारी करने से पहले सर्वेक्षण के मुख्य परिणाम उपलब्ध कराने के लिए एनएसएसओ ने प्रमुख संकेतक जारी किए हैं।
एनएसएसओ की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसका 68वां सर्वेक्षण ग्रामीण इलाकों में 7,496 गांवों और शहरों में 5,263 इलाकों के नमूनों पर आधारित है। अखिलभारतीय स्तर पर औसतन प्रति व्यक्ति मासिक खर्च ग्रामीण इलाकों में करीब 1,430 रूपये, जबकि शहरी इलाकों में 2,630 रूपये रहा।
एनएसएसओ ने कहा, ‘‘ इस प्रकार से शहरी इलाकों में औसत प्रति व्यक्ति मासिक खर्च, ग्रामीण इलाकों के मुकाबले करीब 84 प्रतिशत अधिक रहा। ग्रामीण भारतीयों ने 2011-12 के दौरान खाद्य पर आय का औसतन 52.9 प्रतिशत खर्च किया जिसमें मोटे अनाज पर 10.8 प्रतिशत, दूध और दूध से बने उत्पादों पर 8 प्रतिशत, पेय पर 7.9 प्रतिशत और सब्जियों पर 6.6 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।