Home > Archived > जनमानस

जनमानस

इतिहास का स्मरण जरूरी

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर लगने वाले वलिदान मेला राष्ट्र को स्वतंत्र करने के लिए हुए वलिदानों को स्मरण करने व नई पीढ़ी को उन महापुरूषों की अद्भुत वीरता से परिचित कराने का ऐतिहासिक आयोजन बन चुका है आज की पीढ़ी को वह गौरवशाली इतिहास बनाना तो दूर देश की भ्रष्ट सरकार पाठ्यक्रम में उनकी जगह कू्रर आतंकवादियों को महान व आदर्श बताने के साथ महान शहीदों को आतंकी व अपत्तिजनक कार्टून से अपमानित करते हैं। यहां तक कि इन्होंने राष्ट्र भक्ति के प्रेरणा व मातृभूमि को नमन करने वाले वंदेमातरम् को तक नहीं छोड़ा-
वीर सावरकर ने कहा जो समाज अपना इतिहास को भूला देता हैं। उसका कोई भविष्य नहीं होता वर्तमान समय में कुछ-कुछ परिस्थितियां ऐसी ही बनती जा रही हैं। वर्तमान राष्ट्र की नई पीढ़ी को उनका गौरवशाली इतिहास का स्मरण नहीं कराया जा रहा जिससे वह स्वतंत्रता का मूल्य नहीं समझ पा रहे है। भारत में सभी समस्या का कारण नैतिक मूल्यों का पतन है। इसलिए अपने गौरवशाली इतिहास स्मरण करने के साथ-साथ अमर शहीदों व महापुरुषों को नमन कर उनके आदर्शों पर चलना चाहिए।

ऋषि शर्मा ग्वालियर

Updated : 18 Jun 2013 12:00 AM GMT
Next Story
Top