जनमानस
नरेन्द्र मोदी से भयभीत क्यों?
भारत में एक सुनामी चल पड़ी है, मोदी से भय की। आखिर नरेन्द्र मोदी से इतना डर क्यों? कौन लोग है जो मोदी से अंदर ही अंदर खफा है? ऐसा क्या कर दिया है मोदी ने?क्या मोदी भारतीय नहीं है? क्या मोदी पाश्चात्य संस्कृति में पले बढ़े हैं? क्या वे अनपढ़ है? क्या उनके विचार, उनका चिंतन राष्ट्रवादी नहीं है? क्या मोदी में साहस, आत्मविश्वास नहीं है? क्या मोदी भ्रष्ट और बेईमान है? क्या वे सच्चे, ईमानदार राष्ट्रवादी मुस्लिमों के हितैषी नहीं हैं? क्या मोदी इस देश में रहकर इस देश के हित की बात नहीं करते? अगर मोदी में ये सब अवगुण नहीं है तो फिर ईमानदार नेता भी क्यों भय खा रहे हैं? अगर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नेता, चरित्रहीन नेता, गुण्डे, बदमाश और आजीवन बने रहने वाले नेता आगे रह सकते हैं, तो नरेन्द्र मोदी क्यों नहीं? अहंकारी और स्वार्थी लोलुप नेताओं को डर है कि मोदी के आने से दौलत के अपार समुद्र में अपना क्रूज नहीं चला पाएंगे। अरबों-खरबों समेटकर बैठे नेताओं की भ्रष्ट अफसरों की बेईमान उद्योगपतियों की काली कमाई राष्ट्रहित में राजसात हो सकती है। कानून का हथौड़ा सभी पर पड़ेगा, इसी डर से मोदी नाम का भय सता रहा है। अभी तो मोदी प्रधानमंत्री बने ही नहीं और नेताओं की तबीयत बिगडऩे लगी है। किसी को थकान, किसी को बुखार, किसी को हरारत और लू लपट लग रही है।
राजेन्द्र कोचला, इन्दौर