युवक की हत्या से भड़का आक्रोश
ग्वालियर | रविवार की दोपहर इन्दिरा नगर में रंगदारी को लेकर विकलांग युवक अनिल की हत्या से आक्रोशित उसके परिजन व क्षेत्रीय नागरिकों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आज धरना दे दिया। लगभग एक घंटे चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने इन लोगों को मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने,एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया तब कहीं ये लोग शांत हुए। पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। बाद में इस मामले में प्रधान आरक्षक महावीर सिंह तोमर, आरक्षक राजेन्द्र तोमर और दीपक को निलंबित करने के साथ ही थाना प्रभारी इस्माइल खान को निलंबित कर दिया।
मृतक के चिकित्सकीय परीक्षण के बाद परिजन उसके शव को लेकर हजीरा चौराहे पर पहुंचे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना दे दिया। उन्होंने बताया कि रंगदारी वसूलने आए बदमाशों ने पहले पत्थरबाजी की थी, इसकी सूचना पुलिस को देने के बाद भी वह मौके पर नहीं पहुंची। यदि पुलिस समय पर पहुंच जाती तो बदमाश वारदात को अंजाम नहीं दे पाते और अनिल की जान बच जाती।
थाना प्रभारी को हटाने की मांग
उल्लेखनीय है कि इंद्रा नगर निवासी लाल बहादुर पुत्र पन्नालाल कोरी को सुदीप, रिंकू सिकरवार, पम्मी चौहान पिछले काफी समय से रंगदारी कर धमका रहे थे। रविवार की रात साढ़े दस बजे के करीब यह तीनों एक राय होकर उसके घर पहुंचे जहां इनका लाल बहादुर से विवाद हो गया। उस समय तो ये लोग पथराव करने के बाद वहां से चले आए लेकिन इसके लगभग पन्द्रह मिनट बाद दोबारा आए और उसके भाई अनिल कोरी पर तलवार से हमला कर दिया। हेमंत ने जब उसे बचाने का प्रयास किया तो उस पर भी तलवार से बार कर दिए हमले में ये दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उपचार के दौरान अनिल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने देर रात वारदात को अंजाम देने वाले सुदीप सिकरवार तथा पम्मी चौहान को पकड़ लिया।
विकलंग था मृतक
मृतक अनिल पैरों से विकलंाग था और घर के बाहर ही रविवार की रात जब वह ट्राईसाईकिल बैठा था उसी समय उस पर हमला बोला गया था जिसमें उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद जानकारी मिलते ही उसके विकलांग साथी भी हजीरा चौराहे पर पहुंचे और उन्होंने भी धरना दिया। घटना के बाद मृतक के घर सांत्वना देने पहुंचे विधायक प्रधुम्र सिंह को परिजनों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
एसडीएम को दिया ज्ञापन
धरना दे रहे मृतक के परिजनों ने मांग की एसडीएम को वहां पर बुलाया जाए। इसके बाद हजीरा चौराहे पर बिदिशा मुखर्जी पहुंची और मृतक के किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी, तत्काल एक लाख सत्तासी हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
यह थी मृतक के परिजनों की मांग
अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी।