देश में आर्थिक विकास का परिदृश्य बदलने का श्रेय भाजपा को : जेटली
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ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने कहा कि आजादी के बाद एक बडे भू-भाग में शामिल राज्यों को पिछडेपन के कारण बीमारू राज्य के नाम से पुकारा जाता था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के नेतृत्व में बनी सरकारों ने बीमारू राज्य की शब्दावली को आर्थिक विकास का परिदृश्य बदलकर विलोपित कर दिया है। ग्वालियर में आयोजित नगर-ग्राम केन्द्र के पालक और संयोजकों के प्रदेश स्तरीय महाअधिवेशन को संबोधित करते हुए अरूण जेटली ने कहा कि देश में आर्थिक विकास की परिस्थतियां बनानें में भाजपा और एनडीए शासित राज्यों की भूमिका है और उन्हीं के कारण देश की विकास दर 5 प्रतिशत पर टिक सकी है।
उन्होनें कहा कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान जैसे क्रांतिकारी मुख्यमंत्री ने प्रदेश की तकदीर बदली है। आम आदमी को सकून दिया है, वहीं दूसरी ओर कांगे्रसनीत यूपीए सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। केन्द्र सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है। इतिहास में अब तक की सबसे भ्रष्ट, निष्क्रिय, लकवाग्रस्त और अनिर्णय से अभिशप्त सरकार यूपीए ने देकर आम आदमी को बदहाली में धकेल दिया है। उन्होनें पार्टी के कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे इस महाअधिवेशन से लौटते हुए केन्द्र सरकार की विफलता और निष्क्रियता का संदेश जन-जन को दें और मध्यप्रदेश में तीसरी बार सरकार के गठन का कीर्तिमान बनाते हुए केन्द्र में यूपीए सरकार को बेदखल करने के लिए लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जायें।
अरूण जेटली ने कहा कि देश भूला नहीं है, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 6 वर्षों तक देश में विकास का अभिनव मॉडल प्रस्तुत किया, तब देश की विकास दर 8 प्रतिशत से ऊपर जा चुकी थी और विपरीत परिस्थितियों में भी मंहगाई 3-4 प्रतिशत पर सिकुड चुकी थी। यूपीए सरकार को एनडीए सरकार ने विदेशी मुद्रा का भंडार, खाद्यान्न भंडार और गुलाबी अर्थव्यवस्था विरासत में सौंपी थी, लेकिन गत् 9 वर्षो में कांगे्रस नें देश की अर्थव्यवस्था को रसातल पर पहुंचा दिया है। एनडीए सरकार ने प्रशासन में सुशासन और विकास से अपनी पहचान बनायी थी, सरकार के प्रति जनता की विश्वसनीयता चरम पर थी, कोई भी अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और भारतीय जनता पार्टी, एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर अगुंली नहीं उठा सकता था। इसके विपरीत आज केन्द्र सरकार के मंत्री घोटालों और भ्रष्टाचार में दागी बनकर जेल की यात्राएं कर रहे है। केन्द्र सरकार ने नैतिक और संवैधानिक आधार पर सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है। उन्होनें कहा कि बोफोर्स तोप घोटालें में राजीव गांधी की सरकार चली गयी थी, जबकि वह घोटाला मात्र 64 करोड रू. का था।
आज की परिस्थितियां देखिये कि 70 हजार करोड रू. का कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, 1.73 लाख करोड का 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला और 1.83 लाख करोड का कोलगेट घोटाला हो गया। इन घोटालों में प्रधानमंत्री से लेकर तमाम मंत्री और कांगे्रस हाईकमान संदेह के घेरें में है। प्रधानमंत्री को दोष से बचाने में कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय की अवज्ञा की और गलती के बाद फिर गलती की। कमोवेश 5 लाख करो$ड रू. के घोटालें यूपीए सरकार ने किये है और देश की जनता के उपर मंहगाई थोप दी है। देश की जनता कांगे्रस के नेतृत्व में यूपीए सरकार ने उब चुकी है और राजनैतिक परिवर्तन की अपेक्षा करते हुए भारतीय जनता पार्टी को विकल्प के रूप में देखना चाहती है, कार्यकर्ताओं को जनता की अपेक्षा पर खरा उतरना होगा।
अरूण जेटली ने कहा कि विदेशों में जनता व्यंग्य करती है कि क्या कांग्रेस का वंशवाद ही भारतीय लोकतंत्र है। देश में राजनैतिक पार्टियों ने अपनी विश्वसनीयता को खो दी है सबकी निगाहें भाजपा पर टिकी है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी विचार दर्शन को लेकर चलती है और राष्ट्र इसके लिए सर्वोपरि है। अरूण जेटली ने मध्यप्रदेश में विकास के नये क्षितिज खुलने के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2003 में जब कांगे्रस सत्ता में थी प्रदेश की पहचान गड्ढे वाली सडकों, सूखे खेतों और अधंकार के रूप में जानी जाती थी। भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने के बाद प्रदेश में स$डकों का जाल बिछाया, हर खेत को पानी की व्यवस्था की और प्रदेश के 53 हजार से अधिक गांवो में 24 घंटे बिजली की पूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इससे विकास में गति आयी है, किसान खुशहाल हुआ है और प्रदेश में निवेशकों का आना शुरू हुआ है। उद्योग उभर रहे है जिससे राज्य सरकार की आमदनी बढी है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनोन्मुखी कार्यक्रम आरंभ करके सामाजिक, आर्थिक जीवन की बेहतरी के लिए ताना-बाना बुना है। विकास की यह परिस्थितियां ही खुशहाली और समृद्घि का सौपान बनती है।
अरूण जेटली ने देश में आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के लिए कांगे्रस की गलत नीतियों पर कटाक्ष किया और कहा कि कांगे्रस इससे सियासी लाभ उठाती है। यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कांग्रेस ने तीन राज्यों में चुनाव जीतने के लिए उसने दहशतगर्दो का सहारा लिया है। ऐसे में कांगे्रस दहशतगर्दी, नक्सलवाद के प्रति कठोर कदम कैसे उठायेगी? देश में राजनैतिक परिवर्तन अपरिहार्य हो चुका है और विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव दस्तक दें तो कोई हैरत नहीं होगी।