जनमानस
हिन्दुओं की उदारता को कायरता न समझें
सांप्रदायिक सौहार्द के मामले में ग्वालियर में आपागंज की घटना पहली घटना है। जब किसी साम्प्रदाय विशेष (मुस्लमानों) ने हिन्दू उत्सव हनुमान जयंती के चल समारोह पर पथराव किया है जो निन्दनीय है। एक सुनियोजित रणनीति के तहत ऐसा हमला किया गया है। कुछ राजनैतिक लोगों की शह पर सांप्रदायिक सौहार्दपूर्ण वातावरण बिगाडऩे की घिनौनी साजिश है। राजनैतिक हित साधने की कवायद है।डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने ठीक ही कहा था ये कौम (मुसलमान) न खुद अपने आप में खुश रहना चाहती है न किसी और को खुश देख सकती है। सच ही कहा था, इसका उदाहरण पड़ोसी राष्ट्र पाक में आए दिन दंगे बम ब्लास्ट आदि की घटनाएं होती रहती है। हिन्दुओं को तो चुन-चुन कर समाप्त करने की पाकिस्तान मुहिम चला रहा है। आपागंज में जो कुछ घटित हुआ है। वह हर हिन्दू के चिन्तन का विषय होना चाहिए, उक्त घटनाएं भविष्य में न हो इसके लिए क्या किया जा सकता है। उक्त घटना को हर हिन्दू को ,राष्ट्रवादी देशभक्तों को कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए। हिन्दुओं की सहिष्णुता उदारता, को कायरतान समझें हिन्दू ईंट का जवाब पत्थर से देने में भी सक्षम है।
कुवर वी.एस. विद्रोही, ग्वालियर