नक्सली हमला पर जांच आयोग गठित
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले की उच्चस्तरीय जांच के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में इस एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। वहीं जिले में तैनात पुलिस के कुछ उच्चाधिकारियों को उनके पद से निष्कासित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में 25 मई को आयोजित मंत्रिपरिषद की आपात बैठक में मामले की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से घटना की जांच के लिए किसी एक न्यायाधीश का नाम भेजने का आग्रह किया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के बस्तर जिले में कांग्रेस के नेताओं के काफिले पर नक्सली हमले की घटना के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए बस्तर जिले के पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया है तथा बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक और जिले के कलेक्टर को भी हटा दिया गया है।
वहीं इस घटना पर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि सरंडा जैसे नक्सली इलाकों में अगले 10 साल तक माइनिंग पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। रमेश ने कहा कि नक्सलवाद अब विचारधारा का नहीं लूट का मामला बन गया है। निजी और सरकारी कंपनियां इन्हें 'हफ्ता' देती हैं और सरकारी ठेकों से भी इन्हें पैसा मिलता है। जिसके चलते ये और ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं।