पंजीकृत किसानों के विवरण का होगा मिलान

भिण्ड | अपर मुख्य सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल ने किसानों द्वारा कृषि उपज मण्डियों में विक्रय किए जाने वाले गेहूं की जानकारी के मिलान एवं परीक्षण हेतु दिशा निर्देश जारी किए है। इन दिशा निर्देशों में कहा गया है कि रबी विपणन वर्ष 2013-14 में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं के उपार्जन हेतु उनका पंजीयन किया गया है। जिन किसानों द्वारा अच्छी गुणवत्ता का गेहूं उत्पादित किया जाता है और उस गेहूं का वाजार मूल्य समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण किसानों द्वारा मण्डियों में बेच दिया जाता है। इसी तरह एफ.एक्यू. से कम गुणवत्ता का गेहूं उत्पादन करने वाले किसानों द्वारा भी गेहूं मण्डियों में बेचा जाता है। ऐसे किसानों द्वारा भी समर्थन मूल्य पर गेहूं का विक्रय करने हेतु पंजीयन कराया जाना संभावित है।
जिन किसानों की उपज समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता या एफ.एक्यू. से कम गुणवत्ता के कारण मण्डी में विक्रय की जाएगी, उनके स्थान पर अन्य व्यक्तियोंं द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं का विक्रय कर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे बोनस का अनाधिकृत लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव ने इसकी रोकथाम हेतु कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने इसकी रोकथाम हेतु जारी किए गए दिशा निर्देशों में कहा है कि प्रत्येक मण्डी में प्रतिदिन विक्रय करने वाले किसानों का नाम, पिता का नाम, पता, बेची गई फसल की मात्रा एवं गुणवत्ता की जानकारी मण्डी सचिव के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में संकलित कराई जाए एवं मण्डी में संधारित की जाए। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि मण्डियों में किसानों की संकलित जानकारी को लाने तथा उसको संबंधित उपार्जन केन्द्रों पर भेजने हेतु कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को मण्डीवार जिम्मेदारी दी जाए। दिशा निर्देशों में कहा गया है कि इस जानकारी का किसानों के पंजीयन में उल्लेखित विवरण से मिलान और परीक्षण करने से यदि यह पाया जाता है कि किसान द्वारा किसी तरह की अनियमितता की गई है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। 

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