भाजपा और वामदलों ने मांगा कानून मंत्री का इस्तीफा

नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वामदलों ने कानून मंत्री अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मांग की। अश्वनी कुमार के इस्तीफे की मांग उनके द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच रिपोर्ट में सुधार किए जाने के मामले पर की गई है।
हाल ही में सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि उसने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले पर आठ मार्च तक तैयार जांच रिपोर्ट को कानून मंत्री के साथ साझा किया था। इसके बाद कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ लिया है।
भाजपा के नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह बहुत ही गंभीर मसला है। सीबीआई को हमें और देश को बताना होगा कि उसकी वास्तविक रिपोर्ट क्या थी और उसमें कानून मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा क्या परिवर्तन किए गए।" प्रसाद ने आरोप के लहजे में कहा कि सरकार द्वारा संघीय जांच एजेंसियों के कार्य में हस्तक्षेप किए जाने से हर कोई वाकिफ है। उन्होंने कहा, "कानून मंत्री ने प्रधानमंत्री को बचाने के लिए सीबीआई की जांच रिपोर्ट को प्रभावित करने में अपने कार्यालय का गलत इस्तेमाल किया। भाजपा पहले ही प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग कर चुकी है, और हम अपनी मांग पर अड़े रहेंगे।" कानून मंत्री द्वारा सीबीआई की जांच रिपोर्ट में हस्तक्षेप को गैरकानूनी बताते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "यह बेहद अशोभनीय घटना है। यह बहुत चौंकाने वाली बात है कि कानून मंत्री ने स्वयं ऐसा गैरकानूनी कार्य किया।"दासगुप्ता ने कहा, "मैं अश्वनी कुमार के कानून मंत्री के पद से तुरंत इस्तीफे की मांग करता हूं। सर्वोच्च न्यायालय को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।"
सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि राजनीति प्रतिनिधियों के अलावा इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ भी साझा किया गया। सीबीआई के निदेशक रंजीत सिंह ने हालांकि सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सीबीआई द्वारा 26 अप्रैल को तैयार रिपोर्ट में खुद उन्होंने सुधार किए हैं, और राजनीतिक प्रतिनिधियों सहित किसी से भी साझा नहीं किया है।

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