पंचायतों को मजबूत बनाने की आवश्यकता : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर आयोजित सम्मेलन में कहा, "हमें निश्चित रूप से यह कोशिश करनी चाहिए कि पंचायती राज केवल नारा बनकर न रह जाए, बल्कि यह हमारे जीवन की सच्चाई बने।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें याद रखना चाहिए कि पंचायत का उद्देश्य प्रशासन का विकेंद्रीकरण करना है, ताकि लोगों को अपना प्रशासन स्वयं चलाने का अधिकार मिल सके। हम वादा करते हैं कि केंद्र इस दिशा में राज्य सरकारों की हरसंभव मदद करेगा, ताकि विकास प्रक्रिया समावेशी व सतत बन सके।" उन्होंने कहा कि इन पंचायतों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 12वीं पंचवर्षीय योजना में 11वीं पंचवर्षीय योजना की तुलना में लगभग 10 गुने अधिक बजट का प्रावधान किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में पंचायतों के लिए 6,437 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जबकि 11वीं पंचवर्षीय योजना में 668 करोड़ रुपये का प्रावधान था।
प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनियाभर में शोधकर्ताओं ने पाया है कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को विकास की प्रक्रिया में शामिल करने के अच्छे नतीजे आए हैं।"