राहुल गांधी की नजर अब मप्र पर
भोपाल | मध्य प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कदमताल तेज कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हैं। यही कारण है कि वह राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधियों, नेताओं से लेकर पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद कर आगामी रणनीति बनाने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव में लगातार दो बार कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां जीत की हैट्रिक बनाने की तैयारी में है, वहीं कांग्रेस फिर सत्ता में वापसी करना चाहती है। राज्य की 230 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस की 66 सीटें हैं, और वह इसे बढ़ाकर 115 के पार ले जाना चाहती है, ताकि सत्ता उसकी झोली में हो। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जीतने वाले विधायकों की संख्या दोगुना कैसे करे, क्योंकि पार्टी में गुटबाजी है और संगठन की भी अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़ नहीं है। पार्टी बीते कई वषरें में एक भी ऐसा आंदोलन खड़ा नहीं कर पाई है, जिसमें पार्टी अपनी एकजुटता दिखाने के साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार को घेर पाई हो। राज्य में पार्टी के भीतर क्या चल रहा है और राज्य की भाजपा सरकार को लेकर जमीनी हकीकत क्या है। इसका आंकलन करने के साथ ही आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करने के मकसद से राहुल गांधी दो दिन 24 व 25 अप्रैल को राज्य के प्रवास पर आ रहे हैं। इस दौरे का मकसद पार्टी की गुटबाजी को भी करीब से जानना है।
राहुल गांधी अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान धार जिले के मोहनखेडा और राजधानी भोपाल में कई बैठकें कर अलग-अलग लोगों से चर्चा करेंगे। इस प्रवास के दौरान गांधी पूर्व व वर्तमान विधायक और सांसद, पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनाव के कांग्रेस उम्मीदवार, जिला व विकासखंड इकाइयों के पदाधिकारी और नगरीय व ग्रामीण निकाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करेंगे।
काग्रेस ने राहुल गांधी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश व बिहार के चुनाव लड़े हैं और पार्टी को दोनों ही स्थानों पर निराशाजनक नतीजे मिले हैं। पार्टी और गांधी मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश व बिहार के नतीजों को नहीं दोहराना चाहती है, इसीलिए गांधी सीधे नेताओं से लेकर जमीनी पदाधिकारियों से संपर्क कर वास्तविकता जानना चाह रहे हैं। इन बैठकों में मिलने वाले फीडबैक के आधार पर ही पार्टी आगे की रणनीति बनाएगी।
पार्टी के प्रवक्ता अभय दुबे कहना है कि गांधी के प्रवास को आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा सकता है। वह सांसद, विधायक के अलावा पूर्व विधायक व पूर्व सांसद और पिछले दोनों चुनावों के उम्मीदवारों के साथ भी बैठकें करने वाले हैं।
वहीं प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी के दौरे पर चुटकी ली है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश, बिहार व गुजरात में जो नतीजे आए हैं, वह उनके फ्लाप शो साबित हुए हैं। मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही होने वाला है। गांधी, पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली दफा मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। यहां के चुनाव पार्टी के साथ गांधी के लिए भी अहम हैं, क्योंकि यहां के विधानसभा चुनाव के नतीजे उनकी संगठनात्मक क्षमता पर मुहर लगाने वाले साबित हो सकते हैं।