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जनमानस

मिलावट का बढ़ता ग्राफ


पैसों की चाह में दुकानदार अब आदमी की सेहत से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी के चलते लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। दूध, मावा, लाल मिर्च, जीरा, घी से लेकर हरी सब्जियों में भी मिलावट हो रही है। मिलावटी चीजों को खाने से गंभीर रोग फैल रहे हैं और बीमारियां पैर पसार रही हंै। मिलावटी वस्तु खाने से त्वचा, श्वास और पेट संबंधी रोग हो रहे हैं। मौसम से पहले जो सामग्री मिलती है, उन्हें पकाने के लिए काबाईड जैसे हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। रसायनों से उगाई सब्जी खाने से शरीर का विकास भी रुक जाता है। इन दिनों फल और सब्जी को तरह-तरह के केमिकल का उपयोग कर तैयार किया जाता है। दूध में पावडर की मिलावट की जा रही है। मिलावटखोरों द्वारा दूध में अब ग्लूकोज सहित अन्य केमिकल मिलाया जा रहा है। दूध की थैलियों को फाड़कर दूध बेचने वाले पानी मिला रहे हैं और गाय का दूध कहकर बेचा जा रहा है। घी और तेल में भी जमकर मिलावट हो रही है, वहीं पाम आईल बेचा जा रहा है। खाद्य विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। अभी तक ऐसी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे मिलावटखोरों में भय का माहौल व्याप्त हो। यही कारण है कि मिलावट दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
डॉ. दाऊद हाशमी, इन्दौर 

Updated : 18 April 2013 12:00 AM GMT
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