बाघों की सु़रक्षा के लिए राजस्थान में होगा 24 गांवों का स्थानांतरण

जयपुर | राजस्थान में एक जीवमंडल आरक्षित गलियारा बनाने के लिए करीब दो दर्जन से भी ज्यादा गांवों का स्थानांतरण होगा। बाघ जैसे वन्य जीवों से सु़रक्षा के लिए बनाए जा रहे इस गलियारे को तीन अभयारण्यों से जोड़ा जाएगा। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सीमांत गलियारे को रणथंभौर स्थित राष्ट्रीय पार्क सहित करौली जिले के कैला देवी वन्यजीव अभयारण्य और सवाई माधोपुर जिले के सवाई मानसिंह वन्यजीव अभयारण्य के साथ जोड़ा जाएगा।
ज्ञात हो कि राजधानी जयपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय पार्क में इस समय 50 से भी ज्यादा बाघ हैं। अधिकारी ने कहा, "यह सीमांत गलियारा 1100 वर्ग किलोमीटर में फैले बाघों के प्राकृतिक वास को सुनिश्चित करेगा। राज्य सरकार ने स्थानांतरित होने वाले 24 गांव की सूची तैयार कर ली है और सरकार ने इस सूची को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के पास भेज दिया है।" एनटीसीए ने गांवों के स्थानांतरण को सैद्धांतिक मंजूरी दी है और इस परियोजना के लिए करीब 250 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। राज्य सरकार एनटीसीए से यह बजट प्राप्त करने के बाद ही इनका स्थानांतरण शुरू करेगी। अधिकारी ने बताया, "जहां आवश्यकता होगी, गांवों को स्थानांतरित किया जाएगा। वन्यजीव विभिन्न अभयारण्यों में बेखौफ घूमने में सक्षम होंगे।