बढ़ी विजेंद्र की मुश्किलें, नाडा की रिपोर्ट को पंजाब पुलिस ने नकारा

नई दिल्ली। ड्रग्स लेने के आरोपी भारत के ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंद्र सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस नरमी नहीं बरतना चाहती। उसने नाडा द्वारा दिए गए विजेंद्र सिंह के डोप टेस्ट रिपोर्ट को नकार दिया है। पंजाब पुलिस के अनुसार आरोपी द्वारा हेरोइन और अन्य ड्रग्स के सेवन करने के एक सप्ताह या उससे अधिक समय के बाद खून और यूरिन जांच से ड्रग्स सेवन का पता नहीं चल पाता।
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार बाल के नमूनों से 90 दिनों के भीतर ड्रग्स के सेवन का पता लगाया जा सकता है, वहीं नाखून के नमूनों से चार महीने का समय मिलता है। बता दें कि मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार विजेंद्र का डोप टेस्ट निगेटिव पाया गया है, जिसकी जानकारी खेल मंत्रालय ने दी थी। स्टार मुक्केबाज पर हेरोइन सेवन करने के आरोप लगने के बाद खेल मंत्रालय के निर्देश पर ही राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने विजेंद्र के अलावा चार मुक्केबाजों के पेशाब और खून के नमूने लिए थे। खेल मंत्रालय ने बताया कि किसी भी मुक्केबाज ने किसी भी प्रतिबंधित पदार्थ व हेरोइन का सेवन नहीं किया है।
इससे पहले के घटनाक्रम में पंजाब पुलिस ने मोहाली के जिरकपुर कस्बे से एक एनआरआइ अनूप सिंह काहलों के घर में छापा मार कर 26 किलो हेराइन बरामद की थी। मामले की तहकीकात कर रही पंजाब पुलिस ने इस मामले में विजेंद्र को भी शक के घेरे में रखा था। उसने कहा कि दिसंबर, 2012 से लेकर फरवरी, 2013 तक विजेंद्र ने 12 बार और उनके सहयोगी राम सिंह ने पांच बार ड्रग्स का सेवन किया था। विजेंद्र के बारे में पुलिस ने कहा था कि जांच में सामने आया है कि विजेंद्र और राम सिंह ने कनाडा में रहने वाले तस्कर अनूप सिंह काहलों और रॉकी से ड्रग्स ली और उसका सेवन किया। वहीं रिपोर्ट आने के बाद विजेंद्र सिंह ने कहा कि 'नाडा से क्लीन चिट मिलने से सच्चाई की जीत हुई है। भगवान का शुक्र है कि सच सामने आ गया। इससे मुझे इस संकट से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।'


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