पंचायत सचिव से सीईओ ने मांगी रिश्वत

शिवपुरी | कभी एक अधिकारी द्वारा दूसरे अधिकारी रिश्वत मांगने की बात अमूमन सुनने में नहीं आती है, लेकिन ऐसा ही एक मामला शिवपुरी जिले में सुर्खिया बटोर रहा है जिसमें एक पंचायत सचिव से चार्ज देने के नाम पर सीईओ ने पच्चीस हजार रुपए की रिश्वत मांगी है। सीईओ द्वारा मंागी गई रिश्वत की शिकायत ग्राम पंचायत खांदी के सरपंच द्वारा जन शिकायत निवारण विभाग मध्य प्रदेश शासन, क्षेत्रीय सांसद यशोधरा राजे सिंधिया, प्रभारी मंत्री के.एल अग्रवाल एवं जिलाधीश आरके जैन को की जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी सीईओ का कामकाज जस का तस चल रहा है।
जन शिकायत निवारण विभाग म.प्र. शासन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को की गई शिकायत में ग्राम पंचायत खांदी के सरपंच बनबारी लाल धाकड़ ने जनपद पंचायत शिवपुरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेन्द्र नरवरिया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम पंचायत खांदी के नवीन सचिव के हस्ताक्षर एवं नमूना प्रमाणित कर बैंक की ओर भेजने के लिए रिश्वत के रूप 25 हजार रूपए मांग की जा रही है। बताया गया है कि ग्राम पंचायत खांदी के सचिव सतेन्द्र सिंह सेंगर को भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते निलंबित कर दिया गया था। सचिव श्री सेंगर के निलंबन के बाद उनके पद पर नवीन सचिव रोशन सिंह वशिष्ठ को आदेश क्रमांक 1020 दिनांक 3 अप्रैल को 2013 को जारी किया जा चुका है। परन्तु आज दिनांक तक सचिव हस्ताक्षर सीईओ द्वारा नहीं भेजे गए। हस्ताक्षर नहीं भेजने का कारण सरपंच श्री धाकड़ ने सीईओ द्वारा 25 हजार रूपए की मांग बताई गई है। सरपंच धाकड़ ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत खांदी में सचिव का पद खाली हो जाने के कारण वहां कोई विकास कार्य नहीं किये जा रहे। सरपंच जब क्षेत्र में विकास कार्यो के अटके होने एवं नवीन सचिव श्री वशिष्ठ के हस्ताक्षर बैंक भेजने की बात रखने सीईओ नरेन्द्र नरवरिया के कार्यालय जाते हैं तो सीईओ उन्हें वहां से दुत्कार कर भगा देते है, साथ ही उनसे अपने आका (नेताओं के पास) जाने की कहते है
सांसद और जिला पंचायत सीईओ के आदेश हवा में
हमेशा विवादों के घेरे में रहने वाले जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेन्द्र नरवरिया अपने सजातीय बन्धुओं की राजनैतिक पहुंच के चलते इतने निर्डर हो गए हैं कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों आदेशों को हवा में उड़ा देते है। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण सामने आये हैं। जिसमें ताजा उदाहरण ग्राम पंचायत खांदी के सचिव को प्रभार देने एवं बैंक में हस्ताक्षर भेजने के लिए ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया एवं जिला पंचायत सीईओ संदीप माकिन के आदेश का है जो कि उनके कार्यालय में पड़े धूल खा रहे हैं। बताया गया है कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप माकिन ने अपने पत्र क्रमांक 1020 दिनांक 3 अप्रैल 2013 एवं सांसद राजे के पत्र क्रमांक 3114 दिनांक 3 अप्रैल 2013 के आदेश दिया था लेकिन इसके बाद भी आज तक हस्ताक्षर बैंक में चार्ज सीट नहीं भेजी गई है।
सहायक सचिव की भर्ती में भी की अनियमिततायें
सरकार द्वारा गांव के लोगों को गांव में रोजगार मुहैया कराये जाने के लिए चलाई जा रही रोजगार गारंटी योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शासन ने प्रत्येक पंचायत पर सहायक सचिव की भर्ती प्रक्रिया चलाई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेन्द्र नरवरिया द्वारा खुलेआम अनियमिततायें की गई। सूत्रों के अनुसार उन्होंने पचास हजार रूपए लेकर डेढ़ लाख रूपए रिश्वत लेकर अपात्रों को भी पात्र घोषित करते हुए सहायक सचिव के पद पर पदस्थ कर दिया गया है। वहीं कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां पात्रता में आने वाले सहायक सचिव को नियुक्ति आदेश इसीलिए नहीं दिये जा रहे क्योंकि वह सीईओ नरवरिया को रिश्वत के रूप में पैसा नहीं दे रहे। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब ग्राम पंचायत दर्रोनी में सहायक सचिव को नियुक्ति पत्र न दिये जाने की शिकायत जन शिकायत निवारण विभाग मध्य प्रदेश शासन को दो माह पूर्व भेजी गई। लेकिन इसके बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेन्द्र नरवरिया से उनके मोबाईल पर प्रक्रिया जानना चाही तो उन्होंने अपना मोबाईल नहीं उठाया जिसके कारण उनसे बात नहीं हो सकी।