ब्रह्मोस मिसाइल के पनडुब्बी संस्करण का सफल परीक्षण

विशाखापत्तनम | भारत ने आज बंगाल की खाड़ी में 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले संस्करण का पहला सफल परीक्षण किया और इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसके पास यह क्षमता है।
ब्रह्मोस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए सिवातनू पिल्लई ने कहा कि ब्रह्मोस के पनडुब्बी से छोड़े जाने के संस्करण का आज पानी के अंदर एक नौका (पांटून) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब विश्व में किसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का पानी के अंदर से परीक्षण किया गया है और इस दौरान मिसाइल ने अपनी पूरी दूरी 290 किलोमीटर तय की।
पिल्लई ने कहा कि परीक्षण उड़ान के दौरान मिसाइल का प्रदर्शन ‘अचूक’ था। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस के पोत और जमीन से मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है और इसे भारतीय सेना और नौसेना में शामिल कर लिया गया है। ब्रह्मोस के पनडुब्बी संस्करण का पहला परीक्षण ऐसे समय पर किया गया है जब करीब एक सप्ताह पहले ही स्वदेश निर्मित लंबी दूरी तक मार करने वाली सब सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ अपने पहले परीक्षण में लक्ष्य को निशाना बनाने में असफल रही थी। पिल्लई ने कहा, ‘‘ब्रह्मोस मिसाइल पनडुब्बियों में लंबवत रूप में प्रक्षेपित किये जाने हेतु लगाये जाने के लिये पूरी तरह से तैयार है । इस मिसाइल के लगाये जाने से पनडुब्बी दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार प्लेटफार्मो में से एक बन जायेगी ।’’रक्षामंत्री ए के एंटनी ने इस सफल परीक्षण पर डीआरडीओ और रूसी विशेषज्ञों तथा परियोजना से जुड़े भारतीय नौसेना के अधिकारियों को बधाई दी है ।