बांग्लादेश हिंसा में फंसे 200 भारतीय कर्मचारी

नई दिल्ली | 1971 के युद्द अपराधी दिलावर सईदी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से बांग्लादेश के कई शहर हिंसा की चपेट में हैं। इस हिंसा के बीच करीब 200 भारतीय कर्मचारी बांग्लादेश में फंस गए हैं। ये सभी एक्सपोर्टर्स-इंपोर्टर्स कंपनियों में काम करने वाले लोग हैं। हालांकि बांग्लादेश में बदले हालात के बावजूद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बांग्लादेश दौरे की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 3 मार्च को बांग्लादेश के तीन दिवसीय दौरे पर जानेवाले हैं।
बांग्लादेश में विपक्षी जमात-ए-इस्लामी के नेता दिलावर सईदी को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मौत की सजा सुनाए जाने के बाद शुरू हुई हिंसा का दौर जारी है। इसमें 52 लोग मारे गए हैं। सरकार ने सुरक्षा कड़ी करते हुए कई स्थानों पर अर्द्घसैनिक बलों को तैनात किया है। ताजा हिंसा में गायबांधा और चपईनवाबगंज जिलों में 5 लोग मारे गए जबकि एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई।
जमात के प्रदर्शनकारियों ने चपाई नवाबगंज इलाके के पावर स्टेशन को आग के हवाले कर दिया, जिसकी वजह से 58 हजार घर अंधेरे में डूब गए हैं। वहीं गईबंधा इलाके में सरकार समर्थकों और जमात कार्यकर्ताओं के बीच फिर झड़प हुई। इसमें भी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। अब तक तीन दर्जन से भी ज्यादा लोग हिंसा का शिकार हुए हैं।

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