जनमानस
दर्शन रति अपराध है
मुझे केन्द्र सरकार की बुद्धिमता पर तरस आता है। ऊटपटांग कानून पास करना, शेखचिल्ली अथवा तुगलकी फरमान से ज्यादा कुछ नहीं लगता 16 वर्ष की उम्र सैक्स लागू करना उचित निर्णय नहीं है। इससे यौन उत्पीडऩ के मामलों में बढ़ोतरी होगी, दुष्कर्म रोधी कानून (एण्टी रेप बिन) के तहत बदनीयत से लगातार घूरने, गलत ढंग से छूने, इशारा अथवा, घूरने को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखने की (अपील) अनुशंसा की गई है। दर्शन रति दण्डनीय अपराध है। यह आप सिद्ध कैसे करेंगे। कि कौन सी नजर सेक्सुअल है। और आपके फैशनेबल जमाने में दर्शन रति दण्डनीय अपराध माना जाना अप्रसांगिक है। अर्धनग्न पाश्चात्य सभ्यता के व पहनकर लटके झटके देकर महिलाएं सरेराह घूमेंगी, मॉल डिस्कोथिक पब बार में पार्टी जाएंगी, कार्पोरेट कार्यालयों में शॉप पर कितने साधू काम करते हैं। सब जानते हैं। सैक्सुअल दृष्टि और साधु दृष्टि को विभाजित करने का कौनसा पैमाना है। रेप पर मौत की सजा पारित तो कर नहीं सके दर्शन रति पर कानून पारित करने चल पड़ी सरकार किसी सौन्दर्यपूर्ण महिला को गौर से देखना भर अपराध नहीं है। अगर अपराध है तो तमाम कलाकार साहित्यकार शिल्पी अपराधी हैं।
कुवर वी.एस. विद्रोही, ग्वालियर