मेरे लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब 'भारत पहले' मोदी

मेरे लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब भारत पहले  मोदी
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नई दिल्ली | गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और कनाडा के प्रवासी भारतीयों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में गुजरात के विकास का जमकर बखान किया। मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने गलतियां नहीं कीं, लेकिन विकास होने पर जनता माफ कर देती है। मोदी के भाषण का यह खास पॉइंट था। कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या गलती का मतलब गुजरात दंगों से था? मोदी के इस भाषण की एक और खास बात यह थी कि उन्होंने कांग्रेस का एक बार भी नाम नहीं लिया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वॉर्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम ने मोदी को मुख्य वक्ता बनने का निमंत्रण देककर उनका भाषण रद्द कर दिया था। इसके जवाब में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। मोदी का यह कार्यक्रम अमेरिका के एडिसन, न्यू जर्सी, शिकागो, इलिनॉयस में भी सुना गया।
मोदी ने कहा कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा बिल्कुल स्पष्ट है। उनके लिए सेकुलरिज्म का मतलब है इंडिया इज फर्स्ट। उन्होंने कहा कि मैं 12-13 साल के गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि विकास हर मुश्किल का हल है। गुजरात के वोटर्स ने यह साबित किया है। पूरे देश में यह विश्वास पैदा किया है कि विकास ही हर मुश्किल का मंत्र है।
मोदी ने कहा कि गुजरात के विकास की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। जब अमेरिका में मंदी थी, तब भी गुजरात में विकास हो रहा था। मोदी ने गुजरात में अपनी सरकार के तीन कार्यकालों की तारीफ करते हुए कहा कि 2001 में उनकी जो लगन थी, वह इतने साल बाद भी कायम है। उन्होंने कहा कि वह यह सब मान-सम्मान के लालच में नहीं, बल्कि अपने 6 करोड़ गुजरातियों के लिए कर रहे हैं। उनकी तकलीफ बेचैन कर देती है। जीवन उनके कल्याण के लिए काम आ जाए, इससे बड़ी बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार का स्किल डिवलेपमेंप पर सबसे ज्यादा जोर है। भारत सरकार का स्किल डिवलेपमेंट का बजट 1 हजार करोड़ है। वहीं गुजरात का बजट 800 करोड़ है।


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