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बेलेन्टाइन्स डे नहीं, बसंतपंचमी मनाएं

14 फरवरी बेलेन्टाइन्स डे अखबारों में सुर्खियां आने लगी हैं। गिफ्ट शॉप सज गए हैं। ग्रिटिंग की दुकानें एवं हॉटल, रेस्तरां में बेलेन्टाइन डे मनाने की तैयारी चल रही है। मीडिया भी बेलेन्टाइन डे को कैस कराने में पीछे नहीं है। सशुल्क प्रेम संदेश प्रकाशित कराने के आमंत्रण दे रहे हैं।
मुझे समझ नहीं आताप्रेण इजहार के लिए केवल 14 फरवरी बेलेन्टाइन डे ही क्यों? हमारे देश में बसंत का मौसम ही प्रेम प्रकट करने के लिए है। कोई सुधी अखबार ने 14 तारीख के बाद 15 तारीख को बसंत पंचमी उत्सव के बारे में हाशिए पर भी एक पंक्ति प्रकाशित करने की जहमत नहीं उठाई, हम पाश्चात्य संस्कृति में रंग सियार होते जा रहे है। अपने देश की गौरवशाली सनातन परम्पराओं को भूलते जा रहे हैं। यह शुभ नहीं है। कई राजनैतिक गैर राजनैतिक संगठनों के नेतागण इस दिन खास नेतागिरी दिखाने का मौका नहीं चूकते। हॉटल, पार्कों अन्य जगह लड़के लड़कियों को नाहक परेशान करते है। इससे कुछ नहीं होगा। हमें हमारे युवाओं को संस्कारित करने का काम करना चाहिए, फिर सब आत्मानुशासन से शुभ घटित होगा, बसंत पंचमी मनाएं, पाश्चात्य प्रेम दिवस नहीं।

कुंवर वी.एस. विद्रोही, ग्वालियर


Updated : 9 Feb 2013 12:00 AM GMT
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