आर्थिक विकास धीमा, किंतु निराशा की बात नहीं

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्तीय वर्ष 2013-14 का आम बजट भाषण देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर को लेकर भारत की क्षमता आठ प्रतिशत से कम रहेगी। उन्होंने अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के प्रयासों में चिदंबरम ने सबसे सहयोग मांगा।
वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा हालांकि अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव है, लेकिन बहुत ज्यादा निराश होने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी प्रगति एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि देश आर्थिक समस्याओं का जवाब देने में सफल रहेगा। हमारी अर्थव्यवस्था सन 2010 के बाद धीमी पड़ी है और फिर से आठ फीसदी आर्थिक विकास दर पर लौटना बड़ी चुनौती सिद्ध होने वाली है। दुनिया में सिर्फ चीन और इंडोनेशिया ही ऐसे देश हैं जिनकी आर्थिक विकास दर भारत से अधिक है।
वित्त मंत्री ने टिप्पणी की, ‘उदास होने की कोई जरूरत नहीं है। वैश्विक आर्थिक संकट के इस मौके पर भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने में मैं इस सदन और देश के लोगों का सहयोग मांगता हूँ।’ पूरे देश और जनता का सहयोग रहेगा तो विकास की गति को और तेज करने में आसानी होगी। इस तरह समग्र विकास की गाथा को परिपूर्ण तौर पर रचने की संभावनाएं और प्रबल होंगी।


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