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जनता को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं: पवार

जनता को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं: पवार
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नई दिल्ली | विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूपीए की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं| एक एक करके पार्टी में ही विरोधी सुर उठने लगे हैं| साथ ही अब सहयोगी भी कांग्रेस की हार के लिए पार्टी में मौजूद कमजोर नेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहें हैं| राजस्थान में कांग्रेस का किला ढहने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को ही हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था | इसी कड़ी में सो एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कांग्रेस और यूपीए की नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को कमजोर प्रशासक पसंद नहीं|
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अपने ब्लॉग में लिखा है, 'कांग्रेस और हम सबको मिलकर चार राज्यों में मिली हार की समीक्षा करनी होगी | आखिरकार युवा हमसे नाराज क्यों है, इसका जवाब ढूंढना होगा|
एनसीपी सुप्रीमो ने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा, 'अरविंद केजरीवाल चुनावों के दौरान वादा कर रहे थे कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो प्याज और अन्य सब्जियों की कीमत आधी हो जाएगी. यह कहना बहुत आसान है| दिल्ली में आज यह स्थिति है कि कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती|
बीजेपी का सरकार न बनाने का फैसला समझदारी भरा है| ऐसा लगता है कि अगले 4-5 महीने तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा इसके बाद फिर से विधानसभा के चुनाव होंगे| इन चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी सत्ता में आ सकती है| मैं उन्हें चुनौती देता हैं कि वो सत्ता में आने के बाद किस तरह से प्याज और अन्य सब्जियों के दाम कम करेंगे इसके बारे में बताएं| 1999 में नाराजगी के बाद कांग्रेस से अलग हुए शरद पवार भले ही राजनेता हों लेकिन उनकी छवि एक कारोबारी नेता की है। तमाम घोटालों में संलिप्तता के आरोपों के बावजूद पवार अपनी राजनीतिक पकड़ की बदौलत बरी होते रहे हैं। महाराष्ट्र की सत्ता से लेकर केन्द्रीय सत्ता के गलियारों में पकड़ कैसे बनाए रखना है ये बात शरद पवार बखूबी जानते हैं। इसीलिए वह सत्तारूढ़ पक्ष हो या विपक्ष दोनों से संतुलित रिश्ते कायम रखना उन्हें अच्छी तरह आता है।
अगामी आम चुनावों में कांग्रेस की खराब हालत और भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के पक्ष में बनती चुनावी फिजा ने पवार को यूपीए से दूर कर दिया है। वहीं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के सहारे वह राजग में अपनी पार्टी का भविष्य तलाशते नजर भी आये|आपको बतादें कि शरद पवार की छवि हमेशा ही एक मौका परस्त राजनेता के तौर पर रही है।

Updated : 9 Dec 2013 12:00 AM GMT
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