आत्महत्या के कई मामले अब भी नहीं सुलझे

ग्वालियर | बीते दो माह में शहर में दर्जनों आत्महत्या के मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में आत्महत्या के पीछे आखिर कारण क्या रहे। इस सच का खुलासा काफी प्रयासों के बावजूद भी पुलिस नहीं कर सकी है। आखिर थक-हारकर उसने इन मामलों से जुड़ी फाइलों को बंद कर दिया। आत्महत्या के कुछ चर्चित मामले
मामला-1
अक्टूबर माह में विद्युत कंपनी के इंजीनियर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। प्राथमिक जांच में सामने आया कि इंजीनियर परिवार में चल रही परेशानियों को लेकर काफी तनाव में रहता था। इसके बाद यह भी चर्चा रही कि विद्युत कंपनी से उसे वेतन नहीं मिल रहा था। जिसके चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। यह चर्चाएं कुछ दिन तक चलीं। लेकिन अभी तक मामले में आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।
मामला-2
14 नवम्बर को माधौगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत बी.एड छात्र राहुल भाटिया ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। राहुल के पिता स्पेशल ब्रांच में पदस्थ हैं। उसने आत्महत्या क्यों की। इसका राज अभी तक नहीं खुला है।
मामला-3
9 नवम्बर को विद्युत कंपनी के चार्टर्ड अकाउण्टेंट आशीष अग्रवाल की पत्नी ज्योति ने आत्महत्या कर ली। इसके पीछे क्या कारण थे ये पता नहीं चल सका। हालांकि ज्योति के परिजनों ने आत्महत्या के पीछे ससुरालीजनों द्वारा प्रताडि़त करने को कारण बताया। इसके बाद पुलिस ने आशीष और उनकी मां के विरुद्ध धारा 304 बी के तहत मामला भी दर्ज किया।
मामला-4
17 नवम्बर को बीजेपी नेता रम्मू दुबे के पुत्र का शव रेलवे ट्रेक पर क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा मिला। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है। लेकिन आत्महत्या के पीछे कारण क्या रहे। इनका पता लगाने में वह पूरी तरह असफल रही।
मामला-5
22 नवम्बर को थाटीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 19 वर्षीय छात्रा नीतू पुत्री मेहरबान सिंह निवासी गौतम नगर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में भी आत्महत्या के कारण सामने नहीं आ पाए। 

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