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जनमानस

घरों से कूड़ा उठाने की योजना

पानी, बिजली, डीजल, पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने से हर वस्तु और सेवा महंगी हो रही है। कीमतें एक वस्तु की बढ़ती है लेकिन कीमतें अन्य वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ जाती है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस पर भी सरकारें आए दिन नई सेवाओं के नाम पर शुल्क और फीसें लगाती जा रही है। अभी नगर निगम ग्वालियर हर घर से कूड़ा उठाने की सेवा के बदले शुल्क या फीस लगाने जा रही है। जिससे मध्यम वर्ग पर बोझ और बढ़ जाएगा और उसकी कमर सीधी नहीं हो पाएगी। अत: इस सेवा पर फीस लगाने की बजाय इस सेवा को खत्म करने से यह बोझ नहीं बढ़ेगा।
वैसे भी इस योजना से सफाई व्यवस्था में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। कारण यह है लोग कचरा सुबह ही अपने दरवाजे के बाहर रख देते हैं जबकि कर्मचारी 11-12 बजे तक आते हैं इस बीच इस कचरे को जानवर इधर से उधर फैलाते रहते हैं पहले कूड़ा घरों पर ही गंदगी रहती थी अब जगह-जगह होती है, कभी-कभी कर्मचारी आता भी नहीं तो यह गंदगी दूसरे दिन तक फैली रहती है। अगर यह सेवा नहीं होगी तोलोग कूड़ाघरों पर ही कचरा डालेंगे। नगर निगम कूड़ाघरों से ही कूड़ा उठाने की व्यवस्था करे तो सफाई भी अधिक होगी और फीस भी लगाने की जरूत नहीं होगी।

लालाराम गांधीनगर 

Updated : 31 Dec 2013 12:00 AM GMT
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