जनमानस

काजगी दुरुपयोग को रोककर पर्यावरण बचाएं


बड़ी चिंता का विषय है कि हम आधुनिक जीवन शैली 'जूझ एण्ड थ्रो (उपयोग करो और फेंको का अनुसरण करते हुए तमाम संसाधनों के दुरुपयोग से बाज नहीं आ रहे हैं। सबसे अधिक कागज का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। शासकीय दफ्तरों में, खासकर बैंकों में देखता हूं। बैंक और कस्टमर (ग्राहक) दोनों ही कागजी दस्तावेजों की बर्बादी करते हैं। हमें यह ज्ञात होना चाहिए कि कागज का निर्माण पेड़-पौधों से होता है। कागज का दुरुपयोग करना कहीं न कहीं हम पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
अच्छा हो हम गांधी जी की परम्परा को आगे बढ़ाएं, वह डाक लिफाफों को फाड़कर दूसरी ओर पत्र समाचार लेखन हेतु करते थे, मैं स्वयं आने वाली डाक लिफाफे प्रचार पम्पलेट आदि का उपयोग पत्र आदि में करता हूं। 'सेव वाटर सेव लाइफ, की तरह सेव पेपर लाइफ का अनुसरण करते हुए कागज का सदुपयोग करना चाहिए और आने वाली पीढिय़ों के लिए एक बेहतर पर्यावरण देने का प्रयास होना चाहिए। 

कुंवर वीरेन्द्र सिंह विद्रोही, ग्वालियर

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