कोलकाता | भारतीय तीरंदाजी के लिये यह साल अच्छा रहा जिसमें गोल्डन गर्ल दीपिका कुमारी की अगुवाई में महिला टीम ने विश्व चैम्पियन कोरिया को विश्व कप में हराया जबकि नये कंपाउंड तीरंदाजों ने भी सफलता हासिल की। जहां दीपिका, लैशराम बोंबायला देवी और रिमिल बुरिउली की महिला रिकर्व टीम ने दो विश्व कप में स्वर्ण जीते जबकि पुरुष टीम शीर्ष टूर्नामेंटों में कोई पदक नहीं जीत सकी। भारतीय तीरंदाजी को साल की सबसे बड़ी कामयाबी अगस्त में मिली जब महिला तिकड़ी ने ओलंपिक चैम्पियन कोरिया को पोलैंड के व्रोक्ला में खेले गए विश्व कप के चौथे चरण में चार अंक से हराया। इस साल में भारतीय महिला टीम का विश्व कप में यह दूसरा स्वर्ण था। इससे पहले कोलंबिया के मेडेलिन में उसने चीन को हराकर पीला तमगा हासिल किया था।
कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने अक्तूबर में विश्व चैम्पियन कोरिया को हराकर ताइपे में एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। टीम में अभिषेक वर्मा, रतन सिंह, संदीप कुमार शामिल थे। भारतीय टीम ने दूसरी बार कंपाउंड पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। कंपाउंड पुरुष और महिला टीम ने बाली में 2009 में हुई 16वीं एशियाई चैम्पियनशिप में क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीते थे जो कंपाउंड तीरंदाजों का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
दीपिका एंड कंपनी ने तीरंदाजी में लहराया परचम
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Updated : 2013-12-18T05:30:00+05:30
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