Home > Archived > जनमानस

जनमानस

कर्नाटक विधानसभा में हिन्दी विरोध

अभी मुलायमसिंह हिन्दी हितैषी भावना का जाल फैंकते हुए संसद में बहस के लिए हिन्दी की अनिवार्यता की बात कर रहे थे तो लगे हाथों क्षेत्रीयता की गुस्ताखी में कर्नाटक विधानसभा में हिन्दी भाषा के विरोधी स्वर गुंजायमान हुए। मुलायम की मंशा और कर्नाटक में कन्नड प्रेम सभी ऐसी भावनाओं के जाल हैं जहां भाषा का महत्व कम भाषा के जरिए राजनीति की रोटियां सैंकना ज्यादा होता है। उ.प्र. में मुलायम के पुत्र की सरकार है वे चाहते तो उ.प्र. मेंं हिन्दी के लिए बहुत कुछ कर सकते थे। संसद तक तो पहुंचने की जरूरत बाद में आती। वास्तविकता तो यह है कि हिन्दू और हिन्दी मुलायम के लिए गंभीरता का विषय नहीं है। उनका वश चले तो वे यादव की सत्ता में देश को मुस्लिम राष्ट्र घोषित कर दें। राष्ट्रीय भाषा हिन्दी का कर्नाटक में अपमान उस कांग्रेसी मानसिकता का द्योतक है जिसके कारण प्रधानमंत्री कोलम्बो की यात्रा रद्द कर देते हैं।

हरिओम जोशी, ग्वालियर



Updated : 13 Dec 2013 12:00 AM GMT
Next Story
Top