जनमानस
चुनाव महोत्सव
पांच वर्ष बाद एक बार फिर चुनाव महोत्सव का आयोजन चल रहा है। एसी. गाडिय़ों से नीचे न उतरने वाले जन नेता आज गली मौहल्लों में पग-पग हर एक मतदाता के द्वार पर दस्तक दे रहे हैं। दद्दा, भईया राम-राम कहकर पग भी पड़ रहे हैं। रूठों की मान मनौव्वल भी की जा रही है। चोरी छिपे पउआ पंचो को शराब और मुर्गों की दावत भी दी जा रही है। विपक्ष की बुराई नाकामियां गिनाते नेता अपनी बड़ाई कर खुद अपने हाथ अपनी पीठ ठोक रहे हैं। पांच साल तक जनता की सुध नहीं लेने वाले नेता आज जन दरबार में संष्टाग दण्डवत कर रहे है। भाजपा हो या कांग्रेस या अन्य पार्टी सभी जीत की उम्मीद में दौड़ रहे हैं। गांव शहर गली मौहल्लों में चुनावी महोत्सव जोर शोर से चल रहा है। सुबह देर तक सोने वाले नेताजी भी आजकल ब्रह्म मुहूर्त में जागरण कर रहे हैं। इघर बागी प्रत्याशियों ने पार्टी मुखियाओं को सिरदर्द पैदा कर दिया है। कोई भी टेबलेट बाम काम नहीं कर रही है। सचमुच कितने लाचार दयनीय जीव है हमारे जन प्रतिनिधि पांच सप्ताह सेवा कराने का मौका जनता भी नहीं छोड़ रही है। वह जानती है, बाद में पांच साल सेवा उसे ही करनी है।
कुॅवर वी.एस. विद्रोही, ग्वालियर