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जनमानस

इतना न गिरो नेताजी


आज से लगभग 15-20 वर्ष पहले कांग्रेस के नेताओं को मुस्लिम वोटों के लिए इतना नीचे नहीं गिरना पड़ता था या इतना गिड़गिड़ाना नहीं पड़ता था जितना कि आज 2013-14 में उनका वोट पाने के लिए बहुसंख्यक हिन्दुओं को अनदेखा करते हुए घटिया एवं दुव्र्यवहार करते हुए उनकी आंखों में धूल झोंकते हुए जो पहल की जा रही है। मुजफ्फरनगर दंगों में मिलने से लेकर राहत व सहायता के आश्वासन सिर्फ मुसलमानों तक ही सोनियाजी, राहुलजी एवं देश के प्रधानमंत्री द्वारा उन्हीं को प्राप्त हुआ। अब तो कर्नाटक में कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा यह कहना कि मुसलमान अगर कर्ज ना भी चुका पाएं तो कोई बात नहीं। क्यों भैया देश का धन क्या तुम्हारे पुरखों की अमानत है जिसे बस तुम अपने फायदे के लिए बांटो और भूल जाओ। मतलब वापस ना लो। अरे कितना लूटोगे देश को कुछ तो शर्म करो। ऐसा लगता है 100 में से 2-4 नेताओं को छोड़ दें तो लगता है कांग्रेस के सभी नेताओं की मानसिकता सिर्फ और सिर्फ कुछ भी करके झूठ, खसोट, लड़ाई, दंगा सब कुछ करके वोट पाओ और कुर्सी पर बैठो और फिर आराम से देश की जनता की गाढ़ी कमाई लूटते रहो। जैसे कि हरियाणा के कांग्रेस से राज्यसभा सांसद वीरेन्द्र सिंह ने कहा है कि अगर कमाई करना है तो नेतागिरी में आ जाओ। इससे पहले भी कांग्रेसी नेता ऐसी घटिया बात कह चुके हैं। क्या यही है कांग्रेस की अच्छी राजनीति और देश की जनता के लिए समर्पण या फिर भ्रष्टाचार करके दुनिया में भारत की थू-थू कराना और फायदे के लिए सांप्रदायिक रजनीति करके बुरे हालात पैदा करना ही कांग्रेस का काम है।

उदयभान रजक, ग्वालियर

Updated : 9 Oct 2013 12:00 AM GMT
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