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जनमानस

अखिलेश सरकार की तानाशाही


रविवार को एक शर्मनाक घटना घटित हुई।अखिलेश सरकार ने मेरठ में हो रही महापंचायत पर लाठी, आंसू गैस और गोलियां बरसाईं, जिसमें दो लोग मारे गये। उत्तर प्रदेश में तानाशाही इतनी हावी है कि लोग अपना विरोध तक व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस के हुये अचानक हमले से लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पंचायत में सरकार को ज्ञापन देने व विरोध दर्ज कराने के लिये लोग इकट्ठे हुये थे। संविधान भी हमें सभा, पंचायत, धरना आदि से विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत देता है। रविवार को अखिलेश सरकार ने संविधान व मानवता को तार-तार कर दिया । इस घटना ने १९१९ में हुए जलियांवाला बाग कांड की याद ताजा कर दी। वहां पर भी अग्रेजों ने अचानक हमला किया था। इस महापंचायत में बूढ़े, बच्चे और औरतें भी सम्मिलित थे, जिन पर पुलिस ने लाठियां व गोलियां चलार्इं। सरकार ने सादा वर्दी में पुलिस पहले से ही वहां एकत्रित कर रखी थी। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा यह बड़ा घिनौना कृत्य किया गया। अखिलेश बताएं कि जनता ने आज के दिन के लिये आपको मुख्यमंत्री चुना था। नैतिकता की हत्या करने के लिये ही मुख्यमंत्री बने हैं। मुजफ्फरनगर के दगों की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि सरकार ने आम जनता को अपना निशाना बना लिया । यह कैसा लोकतंत्र है, जहां व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता। प्रजातंत्र में इस तरह का कृत्य बहुत ही शर्मनाक है। आम आदमी की आवाज को दबाने में जितनी तत्परता आपने आज दिखाई है, यदि यही तत्परता मुजफ्फरनगर में दिखाते तो दंगों को रोका जा सकता था। अखिलेश इस घृणित-कृत्य के लिये जनता कभी माफ नहीं करेगी।

अजय उपाध्याय, ग्वालियर

Updated : 3 Oct 2013 12:00 AM GMT
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