रूस भारत का महत्‍वपूर्ण रक्षा सहयोगी बना रहेगा : मनमोहन सिंह

रूस भारत का महत्‍वपूर्ण रक्षा सहयोगी बना रहेगा : मनमोहन सिंह
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मॉस्को । भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों देशों के मध्य संबंधों को नई दिशा देने और इसे सारपूर्ण बनाने में पुतिन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंनें कहा कि रूस भारत का महत्‍वपूर्ण रक्षा सहयोगी बना रहेगा।
रूस में 14वें भारत-xरूस शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग में जो घनिष्‍ठता, विविधता और गतिशीलता है, वह इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों के बीच विशेष और विशिष्‍ट सामरिक साझेदारी है। वैश्विक गतिविधियों के बारे में भी हमारे विचारों में बहुत समानता है और अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों में हम आपस में रचनात्‍मक सहयोग करते हैं।
साथ ही उन्होंनें बताया कि दोनो देशों के लिए सामरिक साझेदारी सर्वोच्‍च प्राथमिकता का विषय है। साथ ही वैश्विक शांति और स्‍थायित्‍व भी दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण पहलू है। हमने रक्षा, ऊर्जा, उच्‍च प्रौद्योगिकी, व्‍यापार, निवेश, अंतरिक्ष, विज्ञान, शिक्षा, संस्‍कृति और पर्यटन में सहयोग सहित आपसी सहयोग की प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त किया। हमने निवेश को बढ़ावा देने और सभी ऐसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बारे में निश्‍चय व्‍यक्‍त किया, जिन क्षेत्रों में काफी संभावनाएं हैं, जैसे तेल और गैस, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, औ‍षधि-निर्माण, रसायन, उवर्रक और खनन के क्षेत्र।
हमने कई बड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। भारत, सीरिया के रासायनिक हथियारों को समाप्‍त करने के लिए संयुक्‍त रूस-अमरीका फ्रेमवर्क का स्‍वागत करता है। मैंने सीरिया विवाद का शांतिपूर्ण राजनीतिक समाधान निकालने के लिए राष्‍ट्रपति पुतिन द्वारा किए गये व्‍यक्तिगत प्रयासों के लिए भी उनका धन्‍यवाद किया। भारत की पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और स्‍थायित्‍व में सीधी दिलचस्‍पी है।
साथ ही सेंट पीटर्सबर्ग जी-20 शिखर सम्‍मेलन के सफल आयोजन पर राष्‍ट्रपति पुतिन को बधाई दी और कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच जो असाधारण ऐतिहासिक संबंध हैं और इन संबंधों में जो उत्‍साह और सद्भाव है, उससे मुझे पूरा विश्‍वास है कि हम मजबूत हो रहे समान हितों का पूरा लाभ उठाने में सफल होंगे, दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर बढ़ेंगे और हमारी सामरिक साझेदारी और अधिक ऊंचाईयों तक पहुंचेगी। 

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