दिल्ली गैंगरेप : सरकारी गवाह बनना चाहते हैं दो आरोपी
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नई दिल्ली | इस सजा से बचने की कोशिश ही कहा जा सकता है कि दिल्ली गैंगरेप केस के छह में से दो अभियुक्तों ने अदालत में कहा कि वे सरकारी गवाह बनना चाहते हैं जबकि दो अन्य ने कानूनी मदद के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष गुहार लगाई। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ज्योति क्लेर के सामने पेश किए गए चार आरोपियों में से पवन गुप्ता और विनय शर्मा नाम के दो आरोपियों ने सरकारी वकील की मदद लेने से इंकार कर दिया और लड़की से सामूहिक बलात्कार एवं बाद में उसकी हत्या के मामले में गवाह बनने की ख्वाहिश जाहिर की।पवन और विनय के अलावा राम सिंह और उसके भाई मुकेश को भी अदालत के सामने पेश किया गया जिसने अपने बचाव के लिए सरकारी वकील की मदद मांगी। कानूनी जानकारों का मानना है कि कोई आरोपी सजा से बचने की कवायद के तहत सामूहिक बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध के मामले में सरकारी गवाह बनने की उम्मीद नहीं कर सकता।जानकार बताते हैं कि जिन मामलों में जांच अधिकारियों के लिए सबूत जुटाना मुश्किल होता है उनमें वे किसी आरोपी से सरकारी गवाह बनने को कह सकते हैं और इसके एवज में आरोपी को मामूली सजा मिलती है या सजा दी ही नहीं जाती।