दुष्कर्म पीडितों को फौरान मिले प्राथमिक उपचार"
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायलय ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह सभी अस्पतालों और निजी स्वास्थ्य केंद्रों को नोटिस जारी करे कि वे दुष्कर्म और स़डक हादसों के पीडितों को प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती करने में आनाकानी न करें।
मुख्य न्यायाधीश डी.मुरूगेसन और न्यायाधीश वी.के.जैन की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव वी.के जैन को इस संदर्भ में नोटिस जारी किए जाने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने कहा, ""हमने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया है कि वह मान्यता और गैरमान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों सहित सभी अस्पताल को यह नोटिस जारी करें कि वह दुष्कर्म पीडितों और दुर्घटना के शिकार पीडितों को फौरन प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती करें।"
" न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी निर्देश देते हुए कहा है कि ऎसी दुर्घटना के शिकार पीडितों को घटनास्थल से दूर स्थित सरकारी अस्पताल ले जाने की अपेक्षा फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाए। न्यायालय ने 16 दिसम्बर 2012 को हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किया है।