आरबीआई ने विकास और महंगाई दर का अनुमान घटाया

आरबीआई ने विकास और महंगाई दर का अनुमान घटाया
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नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक ने 2012-13 की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर और नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में 25 आधार अंकों की कटौती की। बैंक ने इसके साथ ही देश की विकास दर का अनुमान और महंगाई दर का अनुमान भी घटा दिया है। लम्बे इंतजार के बाद हुई इस कटौती के बाद ताजा रेपो दर 7.75 फीसदी हो गई। इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2012 में रेपो और रिवर्स रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की थी। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है। रेपो दर में कटौती के साथ ही रिवर्स रेपो दर भी घट कर 6.75 फीसदी हो गई। रिवर्स रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों से उधारी लेता है।
रिजर्व बैंक ने सीआरआर को 25 आधार अंक घटाकर 4.00 फीसदी कर दिया। यह बैंकों की कुल जमा का वह अनुपात होता है, जो उन्हें रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। सीआरआर में इस कटौती से बाजार में 18 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता पैदा होगी।
रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ अनुमानों में संशोधन भी किए। बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर का अनुमान 5.5 फीसदी रखा गया है, जो पहले 5.8 फीसदी रखा गया था। उन्होंने कहा कि मार्च के अंत तक महंगाई दर का अनुमान 6.7 फीसदी रखा गया है, जो पहले 7.5 फीसदी रखा गया था।

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