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जनमानस

घर-घर से कूड़ा उठाने का भार


नगर निगम ग्वालियर ने घर घर से कूड़ा उठाने की योजना चालू की है। इसके तहत सफाई वाला दिन में एक बार आता है और जो उस समय घरों में मौजूद होते हैं वे कूड़ा गाड़ी में डाल देते हैं। जो लोग उस समय घरों पर नहीं होते है वे घरों से निकलते समय थैली को घर के बाहर रख जाते हैं जिसे कुत्ते इधर से उधर घसीटते रहते हैं और गंदगी को बढ़ाते हैं। कुछ लोग सुबह कूड़ा नहीं डालते हैं अपितु जब उन्हें ध्यान आता है तब वह घर के बाहर या कूड़ा घर पर डाल आते हैं जिसे भी जानवर घसीटते रहते हैं। कहने का आशय यह है कि इससे सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। बल्कि निगम का खर्चा बढ़ गया है जिसकी भरपाई वह नागरिकों से 500/-महावार तक वसूल करने की सोच रहा है। गंदगी दूर हुई नहीं और बोझ बढ़ गया है। इस वर्ष पहले ही बिजली, गैस, रेल भाड़ा में वृद्धि से जनता जूझ रही है। निगम की इस मार से भी उसकी कमर और टूटेगी। ए.सी. कमरों में बैठकर ऐसी ही योजना बनती है। असल में इस योजना की जगह कूड़े घरों से ही कूड़ा उठाने की व्यवस्था दिन में 2-3 बार कर दी जाए तो कहीं ज्यादा सफाई होगी। जनता से भी आग्रह किया जाए कि वह कूड़ाघरों पर कूड़ा सुबह ८-९ बजे तक डालें उसके बाद दूसरे दिन ही कूड़ा डालें। ऐसी अपील समाचार पत्रों से भी की जाने चाहिए।

लालाराम गांधी नगर, ग्वालियर


कथनी और करनी का फर्क

दुष्कर्म-हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए पूरे देश में फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना तथा दोषी नेताओं को चुनाव से दूर रखने तथा सदस्यता समाप्ति की जाना चाहिए। संसदीय मंत्री की दलील सही है, फिर अमलीजामा पहनाने के लिए क्या विदेशियों को बुलाएंगे? देश की दिशा और दशा बदलने के लिए सभी राजनैतिक दलों को दागी उम्मीदवारों को बाहर का रास्ता और चुनाव में शिक्षित और चरित्रवान चुनकर आए, पहल करना होगी। आज नेता-अफसर, उद्योगपति की तिकड़ी देश को तथा विकास को किनारा दिखा रहे हैं। अब विकास की दर, बिना डर के, बेदागी, चरित्रवान आगे आएं शीघ्र संशोधन कर प्रावधान करें, वर्तमान में राजनीतिक दल महा भ्रष्ट बन चुके हैं।

सतीशचन्द्र चड्ढा, इन्दौर

Updated : 16 Jan 2013 12:00 AM GMT
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