जनमानस

पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा पर चुप्पी क्यों?


पाकिस्तान में हिन्दुओं की होती दुर्दशा पर भारत के स्वार्थी धर्म निरपेक्षता के ठेकेदार चुप हंै। पाकिस्तान से भागकर आए कई हिन्दू परिवार भारत आए हैं और इस्लाम परस्ती के नुमाइन्दों द्वारा की जा रही गुण्डागर्दी का बखान यहां आकर कर रहे हैं। आखिर यह कांग्रेसनीत सरकार हिन्दुओं पर होते अत्याचार पर पाकिस्तान सरकार से अपना विरोध प्रकट क्यों नहीं करती वह ऐसी हरकतों पर चुप क्यों रहती है। एक ओर बांग्लादेशी घुसपैठ करके असम से हिन्दुओं की सम्पत्ति पर कब्जा कर रहे हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार करके उन्हें वहां से भगाया जा रहा है। इस दोहरे अत्याचार पर धर्म निरपेक्षता के नुमाइन्दों का चुप रहना संदेह के घेरे में है। जब पाकिस्तानी इस्लाम परस्ती का कोई हिन्दू अत्याचार के विरोध में भारत आता है। तब भारत का कानून उन्हें यहां बसाने की अपेक्षा उन्हें यहां से पाकिस्तान जाने के लिए कहता है। जबकि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में लाखों बांग्लादेशी घुसपैठिए बलात् हिन्दुओं की सम्पत्ति पर कब्जा कर चुके हैं। इस बात को समय समय पर तमाम खुफीया ऐजेंसी एवं पत्रकारों के साथ भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्र के सामने उठाया है। लेकिन केन्द्र की यूपीए सरकार ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर चुप रह कर अपना समय निकाल रही है। क्योंकि उसे याद है कि कि यह घुसपैठिए चुनाव के समय कांग्रेस और झूठे सेकूलरों के काम आएंगे। इसलिए हिन्दू मुद्दा इन सेकूलरों की लिस्ट में कही है ही नहीं।
मुकेश घनघोरिया, घांटीगांव

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