जनमानस
सुदर्शन जी का निधन - अपूरणीय क्षति
कुप्पहली सीतारमैया सुदर्शन नाम है, एक विचार का जो आज हमारे समृद्ध देश का एक महत्वपूर्ण आधार है। जैसा उनका नाम वैसा ही उनका काम, माननीय सुदर्शन भारत के ही नहीं वरन् विश्व की एक महानतम विभूति थे। उनका दर्शन, कुटुम्बकम की उदात्त भावना व सर्वे सन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामय का निरापद मंत्र उन्होंने अपने जीवन में साकार किया था। अभियांत्रिकीय जैसे विषय में स्वर्ण पदक से सुशोभित सुदर्शन जी ने अपना सर्वस्व जीवन देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया, उनका मानना था कि यदि देश को परम् वैभव के शिखर पर ले जाना है तो निश्चित ही हमें समाज के प्रत्येक तबके को एक साथ जोडऩा होगा उन्होंने संघ के माध्यम से यह संदेश दिया कि हमारे मुस्लिम बंधु भी इस देश की महत्वपूर्ण कड़ी हैं वे भी राष्ट्रवादी सोच रखते हैं, उनको देश की मुख्यधारा के साथ जोडऩा होगा, लेकिन हमारे कुछ तथाकथित राजनैतिक दल मुस्लिमों को थोक वोट बैंक के रूप में देखना चाहते हैं तथा उनका इस्तेमाल करना चाहते हैं, उन्होंने राष्ट्रवादी विचारों से ओत-प्रोत मुस्लिमों के लिए राष्ट्रीय 'राष्ट्रीय मुस्लिम मंच जैसा संगठन को बनाने में महत्वपूर्ण पहल की है। संजय जोशी, ग्वालियर