राजनीतिक विकल्प की बात पर अन्ना समर्थक नाराज
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नई दिल्ली | समाजसेवी अन्ना हजारे और टीम अन्ना के राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा के बाद इनका विरोध शुरू हो गया है। गुजरात के सूरत में नाराज अन्ना समर्थकों ने अन्ना हजारे के पोस्टर जलाकर अपना विरोध जताया है। समर्थक पिछले 10 दिनों से यहां अनशन कर रहे थे गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने जंतर मंतर पर अनशन समाप्त करते हुए राजनीतिक विकल्प देने की बात कही थी। इस मसले पर अन्ना के आंदोलन से जुड़े लोगों में भी मतभेद सामने आ रहे हैं। कुछ अन्ना समर्थक खुलकर राजनीति में उतरने के फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ विरोध में खड़े हो गए हैं। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल की इस बारे में राय है कि यह कोई दल नहीं, बल्कि एक 'आंदोलन' होगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सत्ता पाना नहीं है। हम दिल्ली केंद्रित सरकार को खत्म करके सरकार को गांवों में और जनता के पास ले जाना चाहते हैं। हमारा स्वरूप एक राजनीतिक दल का न होकर आंदोलन का होगा। वहीं मनीष सिसौदिया की राय इस बारे में अलग है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी बनाना जल्दबाजी होगी। सिसौदिया ने कहा कि इस राजनीतिक आंदोलन की दिशा जनता तय करेगी। जनता की राय के आधार पर राजनीतिक विकल्प का स्वरूप तय किया जाए। इनके अलावा टीम अन्ना की कोर समिति की सदस्य मेधा पाटकर भी राजनीतिक दल बनाने के समर्थन में नहीं हैं। मेधा ने कहा कि चुनावी राजनीति में उतरने से पहले 100 बार सोचना जरूरी है। अन्ना हजारे ने हालांकि अभी राजनीतिक दल बनाने की घोषणा नहीं की है।