जनमानस

कोलगेट से दाढ़ी हुई काली
स्वतंत्रता के बाद से सार्वजनिक गबन घोटाले करने वाली केन्द्रीय कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार की तमाम हदें लांघते हुए 1.86 लाख करोड़ रुपए के कोयला घोटाला में वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह भी लिप्त पाए गए हैं। बेशर्मी की हद देखिए घोटाले में नाम होने के बाद भी बड़े शान से पद पर आसीन है। जबकि नैतिक रूप से पद से स्तीफा देकर न्यायिक जांच में सहयोग करना चाहिए था। भ्रष्टाचार की हैट्रिक बनाने वाली कांग्रेस सरकार को पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं बनता है। राष्ट्रपति महोदय को तत्काल प्रभाव से केन्द्र सरकार को बर्खास्त कर जन समर्थन वाली सरकार का चुनाव कराना चाहिए। एक के बाद एक नित नए घोटाले उजागर होने के बाद भी बेशर्म कांग्रेस सरकार नैतिक और राष्ट्रवादी पार्टी होने का ठकोसला कर रही है। जनमानस को उसकी करतूतों की उचित सजा समय आने पर देना चाहिए।
कुवर बी.एस. विद्रोही, ग्वालियर