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रातों-रात बदल गया काका के बंगले का नाम

मुंबई | बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना उर्फ काका के निधन के ठीक एक महीने बाद रातों-रात उनके बंगले ‘आशीर्वाद’ का नाम बदल कर ‘वरदान-आशीर्वाद’ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक रविवार को बंगले पर नया नाम लिखा गया है। अंग्रेजी में लिखे वरदान आशीर्वाद काफी कलात्मक हैं। इस बंगले की कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी गई है। बांद्रा स्थित कार्टर रोड पर समंदर के सामने बना ये बंगला काका के निधन के बाद विवादों में तब घिर गया जब अनीता आडवाणी नामक एक महिला ने इस बंगले में अपनी हिस्सेदारी का दावा किया। उन्होंने खन्ना परिवार को कानूनी नोटिस भी भेजा। उनका दावा था कि उनका राजेश खन्ना की वे लिव-इन-पार्टनर थीं। उन्हें खन्ना परिवार ने जबरन बंगले से बाहर कर दिया है। कानूनी विवाद की वजह से काका की बेटी ट्विंकल खन्ना के वकील ने काका की वसीयत को उजागर किया जिसमें काका ने अपनी संपत्ति की वारिस ट्विंकल और रिंकी को बनाया है जो उनकी बेटियां हैं।वसीयत में काका की पत्नी डिंपल कापडिया का जिक्र नहीं है। इन तमाम घटनाओं के बीच रविवार को बंगले को नया नाम मिल गया है। सूत्रों का कहना है कि काका के दामाद और ट्विंकल के अभिनेता पति अक्षय कुमार ने बंगला का नवीकरण कराया है और उसी के तहत नया नामकरण भी हुआ है। काका को 'आशीर्वाद' से लगाव की सिर्फ यह वजह नहीं थी कि इस बंगले में आने के बाद उनके करियर में चार-चांद लगे थे। दरअसल काका महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू से बहुत ज्यादा प्रभावित थे। एक जमाने में इस बंगले में गांधी और नेहरू ठहरे थे। बार-बार बदला नाम: ‘आशीर्वाद’ कभी बोहरा परिवार की संपत्ति थी और उस जमाने में ही गांधी और नेहरू ठहरे थे। बोहरा परिवार के बाद यह बंगला निर्माता-निर्देशक सत्येन बोस ने खरीदा था। उन्होंने ‘जागृति’ फिल्म बनाई थी और गोल्डन जुबली मनाई थी। बाद में बोस से यह बंगला राजेंद्र कुमार ने खरीदा और जुबली कुमार बनते हुए इस बंगला का नाम ‘डिंपल’ रखा था। जुबली कुमार से यह बंगला काका ने खरीदा और वे सुपरस्टार हो गए। उन्होंने बंगले का नाम दिया ‘आशीर्वाद’।

Updated : 21 Aug 2012 12:00 AM GMT
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